MP Thousand Pounder Bomb: एमपी की जबलपुर जीआईएफ ने बनाई थाउजेंड पाउंडर बम की बॉडी, एक वार से ही उड़ जाएगी समूची इमारत व एयरपोर्ट

MP Thousand Pounder Bomb: मध्यप्रदेश के जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की जीआईएफ फैक्ट्री (ग्रे आयरन फाउंड्री) को बड़ी कामयाबी मिली है। जीआईएफ ने थाउजेंड पाउंडर बम की बॉडी तैयार कर ली है।

Update: 2023-07-30 10:43 GMT

Thousand Pounder Bomb: मध्यप्रदेश के जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की जीआईएफ फैक्ट्री (ग्रे आयरन फाउंड्री) को बड़ी कामयाबी मिली है। जीआईएफ ने थाउजेंड पाउंडर बम की बॉडी तैयार कर ली है। इसको पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनाया जा रहा है। इसमें बारूद भरने का काम ओएफके में किया जाएगा। जिसके बाद यह इतना विध्वंसक हो जाएगा कि इसके एक हमले से ही दुश्मन देश की धरती थर्रा सकती है।

450 किलो है वजनी

थाउजेंड पाउंडर बम के एक वार से ही समूची इमारत, रन वे और छोटे एयरपोर्ट को उड़ाया जा सकता है। इसका वजन 450 किलो है। यह पहला अवसर है जब जबलपुर की जीआईएस फैक्ट्री में इतने बड़े बम की ढलाई स्वदेशी तकनीक और कौशल से की गई है। ग्रे आयरन फाउंड्री के महाप्रबंधक सुकांता सरकार ने कहा कि स्वदेशी तकनीक और कौशल से थाउजेंड पाउंडर बमों की ढलाई उनके लिए बड़ी चुनौती थी किंतु अब सफलता के बाद फैक्ट्री को एयरफोर्स से और बडे़ ऑर्डर मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

एयरफोर्स को सौंपा जाएगा

जीआईएफ जबलपुर द्वारा थाउजेंड पाउंडर बम की बॉडी तैयार कर ली गई है। जिसमें बारूद भरा जाएगा। बारूद भरने का काम ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में किया जाएगा। इंडियन एयरफोर्स ने जीआईएफ को पहली खेप में 500 थाउजेंड पाउंडर बमों का ऑर्डर दिया है। जिसकी बॉडी के 5 प्रोटोटाईप फैक्ट्री ने सफलता से बना लिए हैं। इन प्रोटोटाईप बमों को बारूद की फिलिंग के लिए जबलपुर में स्थित आयुध निर्माणी खमरिया भेजा गया है। यहां पर बारूद की फिलिंग किए जाने के बाद इन विध्वंसक बमों को एयरफोर्स के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

एक बम के बॉडी की कीमत लगभग 3 लाख रुपए

ग्रे आयरन फाउंड्री के महाप्रबंधक सुकांता सरकार के मुताबिक प्रत्येक कम के बॉडी की कीमत लगभग 3 लाख रुपए है। अभी एयरफोर्स की ओर से 500 बमों की बॉडी बनाने का ऑर्डर मिला है। ऐसी संभावना है कि आगे यह संख्या और भी बढ़ सकती है। थाउजेंड पाउंडर बम के एक सवार से ही पूरी की पूरी इमारत, रन वे और छोटे एयरपोर्ट को उड़ाया जा सकता है। इन बमों को एयरफोर्स के फाईटर प्लेन्स की मदद से दुश्मनों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर गिराया जाता है। जहां पर यह बम गिरते हैं वहां पर दो से ढाई मीटर तक गहरा गड्ढा हो जाता है। इसके साथ ही चारों ओर तबाही फैल जाती है।

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