Tandoori Roti Recipe : सेहत के लिए हानिकारक हैं तंदूरी रोटी, आप भी करते हैं खाने में इस्तेमाल हो जाएं सावधान!

तंदूरी रोटी का आजकल सबसे ज्यादा चलन हैं। यह होटल एवं रेस्टोरेंट में सबसे ज्यादा तैयार की जाने वाली रोटी में से एक हैं। लेकिन एक्सपर्ट बताते हैं कि यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं। तो चलिए जानते हैं कैसे!

Update: 2021-09-01 03:30 GMT

Tandoori Roti Recipe : तंदूरी रोटी शादी हो या पार्टी। सभी में सबसे ज्यादा उपयोग की जाती है। इन रोटियों का स्वाद इतना लजवाब होता है कि हर कोई इन्हें खाना पसंद करता हैं। लेकिन एक्सपर्ट बताते हैं कि यह स्वाद में तो लजवाब होती हैं, लेकिन यह सेहत के लिए नुकसानदायक भी सबसे ज्यादा हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर कैसे यह सेहत को हानि पहुंचाती हैं।

ऐसे पहुंचाती है नुकसान

दरअसल तंदूरकी रोटी मैदा से बनाई जाती हैं। यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि मैदा में कुछ नहीं बल्कि प्रोसेस्ड एवं पॉलिश्ड गेहूं होता है। जिसे आगे बेंजॉयल पेरोक्साइड के साथ ब्लीच किया जाता है। जो आटे को शुद्ध एवं चिकनी बनावट देता है। आटे में इतने सारे कैमिकल मिलने के बाद यह मैदा आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। अगर आप इसी मैदे का लगातार सेवन करते हैं तो कई बीमारियां जैसे पुरानी कब्ज, पाचन, आईबीएस जैसे समस्याएं, कोलेस्ट्राल, ट्राइग्लिसराइड्स का अत्यधिक जोखिम बढ़ जाता है।

न के बराबर होता है प्रोटीन

तंदूरी रोटियों में 110 से लेकर 150 प्रतिशत तक कैलोरीज पाई जाती है। जिसमें कार्बोहाइड्रेट एवं कैलोरीज सबसे ज्यादा होता है। तो वहीं तंदूरी रोटी में प्रोटीन न के बराबर होता है। एक तंदूरी रोटी लगभग दैनिक कैलोरी की अपेक्षा कुल 6 प्रतिशत ही कैलोरी प्रदान करती है।

हार्ट अटैक का जोखिम

तंदूरी रोटियों को तंदूर में पकाया जाता है। जिसमें कोयले का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे इन रोटियों में कोयले की महक आती है। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसिटी में हुए एक रिसर्च की माने तो ठोस ईधन से तैयार खाना लम्बे समय तक सेवन करने से वाय प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। जिससे हार्ट अटैक का जोखिम ज्यादा होता है।

डायबटीज का खतरा

डाइट में मैदे का उपयोग सीधा आपके शुगर लेवल को बढ़ाता है। क्योंकि इसमें अत्यधिक मात्रा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। शुगर स्पाइक के साथ मिलकर खाने के लिए अग्न्याशय को पर्याप्त इंसुलिन जारी करने का काम करता है। ऐसे में अगर आप मैदे से बने खाद्य पदार्थ का बार-बार सेवन करते हैं तो इंसुलिन उत्पादन कम हो जाता है। जिससे डायबटीज का खतरा बढ़ जाता है।

ऐसे करें इस्तेमाल

अगर आप तंदूरी रोटी खाने के शौकीन है तो आप मैदे की जगह आटे की तंदूर का इस्तेमाल करें। अगर ज्यादा जरूरी हो तो आधा मैदा और आधा आटा इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ तंदूर बनाने के साथ ही ओवन का इस्तेमाल जरूर करें। जिससे वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलने के साथ ही आप स्वास्थ्य भी रहेंगे। 

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