Richest King Of India: Mir Osman Ali Khan थे भारत के सबसे बड़े धनवान राजा, मीर उस्मान के पास कितनी दौलत थी

Mir Osman Ali Khan: मीर उस्मान अली खान के पास बेहिसाब दौलत थी, इतना पैसा था कि उन्होंने भारत को 5 हज़ार किलो सोना दिया था

Update: 2022-04-02 09:26 GMT

Richest King Of India: भारत में जब अमीरों की बात होती है तो सिर्फ दो लोगों का नाम सामने आता है. मुकेश अंबानी और गौतम अडानी। लेकिन क्या आपको मालूम है भारत में एक ऐसे नवाब थे जिनके पास इन दोनों अमीर बिज़नेसमैन से कई गुना ज़्यादा दौलत थी. 

हम बात कर रहे हैं भारत के सबसे धनवान राजा मीर उस्मान अली खान की. जिनके पास बेहिसाब संपत्ति थी. इतना पैसा था कि आज़ादी के बाद उन्होंने देश को 5000 किलो सोना दान में दिया था. भारत की स्वतंत्रता से पहले मीर उस्मान अली खान साल 1911 से लेकर 1948 तक हैदराबाद के महाराजा थे. 

कौन थे मीर उस्मान अली खान 

साल 1911 से 1948 तक मीर उस्मान अली खान भारत के 566 छोटी-बड़ी रियासतों के राजा थे. जिसमे से एक था हैदराबाद जो सबसे बड़ी रियासत था. हैदराबाद के अंतिम निजाम मीर उस्मान अली खान ही थे. लगभग 37 सालों तक हैदराबद में इनका ही राज था. हैदराबाद के इस निजाम को दुनिया के सबसे अमीर राजाओं में गिना जाता था. उस्मान अली खान की मौत साल 1967 में 80 साल की उम्र में हुई थी. 

वैसे दुनिया के सबसे अमीर राजा एक अफ़्रीकी किंग था जिसका नाम मूसा प्रथम था. वह 14 वीं शताब्दी में अफ्रीका में राज करता था.मूसा के पास इतनी संपत्ति थी जितनी दुनिया के टॉप 10 अमीरों के पास भी नहीं है। खैर मूसा पर कभी बाद में बात करेंगे, अभी उस्मान अली के बारे में जानते हैं.

मीर उस्मान अली की संपत्ति ऐसा कहा जाता है कि मीर उस्मान अली भारत के सबसे अमीर राजा थे. उन्हें पास करीब 236 बिलियन डॉलर थी. मतलब जितना एलोन मस्क के पास है लगभग उतना ही. एलोन मस्क के पास आज 286 बिलियन डॉलर की संपत्ति है. 

भारत को 5 हज़ार किलो सोना दिया था 

साल 1965 में जब भारत-चीन युद्ध हुआ था तब देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई. तब तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने देश के अमीर लोगों से वित्तय मदद मांगी थी. सभी लोगों ने देश को आर्थिक मदद की जिसमे मीर उस्मान अली भी शामिल थे. और उन्होंने भारत सरकार को 5 हज़ार किलो सोना दिया था. 

बहुत कंजूस भी थे 

ऐसा कहा जाता है कि मीर उस्मान अली हैदराबाद को भारत में नहीं मिलने देना चाहते थे. इसके लिए वह भारत की सेना से जंग लड़ने के लिए तैयार थे. लेकिन बाद में उन्होंने हार मान ली और अंत में हैदराबद का भारत में विलय हो गया. वो इतने कंजूस थे कि जिन बक्सों में सोना भरकर दिल्ली भेजा गया था उन लोहे को बक्सों को वापस मंगा लिया था. मीर उस्मान का कहना था मैंने सोना दान में दिया है वो बक्से नहीं। इतना ही नहीं वो सस्ती सिगरेट पीते थे, गंदे फटे हुए कपड़े पहनते थे. और एक तुर्की टोपी को उन्होंने 37 सालों तक पहना था जबतक उसमे फफूंद नहीं लग गई थी. 

50 Rolls Royces के मालिक थे 

ऐसा कहा जाता है कि मीर उस्मान अली के पास 50 रोल्स रॉयस की गाड़ियां थीं. उन्हें कारों का शौक था, महंगी कारों में रोल्स रॉयस की संख्या 50 थी. 

1340 करोड़ का हीरा पेपरवेट की तरह इस्तेमाल करते थे. 

मीर उस्मान के खजाने की तिजोरी हीरे जवाहरातों से लदी रहती थी. वह 1340 करोड़ के हीरे को एक पेपर वेट की तरह इस्तेमाल करते थे. उस समय मीर उस्मान के पास 20 लाख पाउण्ड कैश हुआ करता था जिसे वो अख़बार में लपेट के रखते थे जिन्हे चूहे कुतर देते थे. 

मीर उस्मान अपने लिए कंजूस थे लेकिन दान देने में पीछे नहीं हटते थे. उन्होंने एक बार अपने सेवक को 25 रुपए का कंबल लाने के लिए कहा था लेकिन बाजार में कंबल के दाम 35 रुपए से शुरू थे. तो मीर उस्मान ने पुराने कंबल से ही सर्दी का मौसम काटने का निष्चय किया था. लेकिन ठीक उसी दिन उन्होंने बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी को 1 लाख रुपए डोनेट किए थे. 

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