36 साल बाद रजनीकांत की फिल्म को मिला 'A' सर्टिफिकेट, फैंस हुए हैरान

रजनीकांत की फिल्म 'कूली' को 36 साल बाद मिला 'A' सर्टिफिकेट, लोकेश कनगराज के निर्देशन में बनी यह फिल्म 14 अगस्त 2025 को रिलीज होगी।;

Update: 2025-08-02 17:53 GMT

Rajinikanth

रजनीकांत की 'कुली' को मिला 'ए' सर्टिफिकेट: साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत की आगामी फिल्म 'कुली' (Coolie) को मिला 'ए' सर्टिफिकेट (वयस्क दर्शकों के लिए) उनके फैंस को हैरान कर रहा है. निर्देशक लोकेश कनगराज द्वारा निर्देशित यह पैन-इंडियन फिल्म 14 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. यह एक ऐसा दुर्लभ घटनाक्रम है क्योंकि रजनीकांत की फिल्मों की छवि आमतौर पर पारिवारिक दर्शकों के लिए बनी होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 36 साल बाद रजनीकांत की किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड से 'ए' सर्टिफिकेट मिला है. फिल्म में आमिर खान, सत्यराज, सौबिन शाहिर, उपेंद्र, नागार्जुन और श्रुति हासन जैसे कई बड़े कलाकार हैं.

36 साल बाद रजनीकांत की 'ए' रेटेड फिल्म: क्या यह होगी सबसे हिंसक?

रजनीकांत की 'कुली' को 'A' सर्टिफिकेट क्यों मिला? लोकेश कनगराज की फिल्मों में हिंसा और खूनी विजुअल्स होना आम बात है, लेकिन रजनीकांत की फिल्मों की यह प्रतिष्ठा रही है कि वे पारिवारिक दर्शकों के लिए बनाई जाती हैं. हालांकि, हाल के दिनों में रजनीकांत ने ऐसे विषयों के साथ प्रयोग किया है, जिनमें क्रूर नायक हिंसक गतिविधियों में शामिल होते हैं. 'जेलर', 'काला' और 'कबाली' जैसी फिल्मों में भी हिंसक सीक्वेंस थे, जो एक सामान्य रजनीकांत फिल्म की विशेषता नहीं थे. लोकेश कनगराज ने अपने इंटरव्यू में इस बात पर जोर दिया है कि 'कुली' में हिंसा के साथ कोई समझौता नहीं होगा. यह देखना बाकी है कि क्या यह बहुप्रतीक्षित फिल्म रजनीकांत की अब तक की सबसे हिंसक फिल्म होगी.

रजनीकांत की पिछली 'ए' रेटेड फिल्में: कुछ ब्लॉकबस्टर तो कुछ फ्लॉप

रजनीकांत की 'ए' रेटेड फिल्में कौन सी हैं? अपने शानदार करियर में रजनीकांत की कई 'ए' रेटेड फिल्में या तो ब्लॉकबस्टर बनीं या बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं. यहां उनकी पांच ऐसी फिल्मों पर एक नजर है जिन्हें सेंसर बोर्ड से 'ए' सर्टिफिकेट मिला था:

'नान सिगप्पु मनितन' (Naan Sigappu Manithan) - 1985: इस एक्शन थ्रिलर में रजनीकांत ने एक रॉबिन हुड की भूमिका निभाई थी. एसए चंद्रशेखर द्वारा निर्देशित, यह फिल्म हिंदी फिल्म 'आप की आवाज' (1984) की रीमेक थी. रजनीकांत ने विजय नामक एक तमिल प्रोफेसर का किरदार निभाया था, जो परिस्थितियों के कारण एक सतर्कतावादी (vigilante) बन जाता है. यह फिल्म एक खूनी और हिंसक ड्रामा थी.

'नान महान अल्ला' (Naan Mahaan Alla) - 1984: 1978 की शत्रुघ्न सिन्हा अभिनीत फिल्म 'विश्वनाथ' की रीमेक, यह तमिल फिल्म एसपी मुथुरमन द्वारा निर्देशित थी. रजनीकांत ने इसमें विश्वनाथ नामक एक वकील की भूमिका निभाई थी. यह फिल्म व्यावसायिक रूप से सफल रही थी और इसमें सुपरस्टार का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला था.

'नेत्रिक्कन' (Netrikkan) - 1981: एसपी मुथुरमन की इस फिल्म में रजनीकांत ने डबल रोल निभाया था. फिल्म में एक चालाक अधेड़ उम्र के महिलावादी चक्रवर्ती के उनके चित्रण के लिए रजनीकांत को काफी प्रशंसा मिली थी.

'पुधुकविथाई' (Pudhukavithai) - 1982: यह कन्नड़ ब्लॉकबस्टर 'ना निन्ना मरयालारे' (1982) की रीमेक थी. इस रोमांटिक ड्रामा में रजनीकांत ने एक मोटरसाइकिल चैंपियन का किरदार निभाया था. यह फिल्म रजनीकांत के हिट निर्देशक एसपी मुथुरमन की थी.

'शिवा' (Siva) - 1989: इस एक्शन ड्रामा में रजनीकांत का मुकाबला रघुवरन से हुआ था. यह फिल्म हिंदी ड्रामा 'खून पसीना' (1977) की रीमेक थी. 'शिवा' को रजनीकांत के करियर की सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस असफलताओं में से एक माना जाता है.

लोकेश कनगराज का निर्देशन: हिंसा और कहानी का अनूठा मेल

लोकेश कनगराज की फिल्मों में क्या खास है? लोकेश कनगराज अपने खास सिनेमाई अंदाज के लिए जाने जाते हैं. 'कैथी', 'विक्रम' और 'लियो' जैसी उनकी फिल्मों में उच्च स्तर की हिंसा और एक डार्क टोन देखने को मिलती है. उन्होंने इंटरव्यू में इस बात पर जोर दिया है कि 'कुली' में हिंसा पर कोई समझौता नहीं होगा. इससे यह स्पष्ट है कि फिल्म में रजनीकांत का किरदार पहले की फिल्मों से काफी अलग होगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी यह 'ए' रेटेड फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कितना सफल होती है और क्या यह रजनीकांत की अब तक की सबसे हिंसक फिल्म साबित होती है या नहीं.

रजनीकांत के हालिया प्रयोग: 'जेलर' और 'काला' का बदला अंदाज

रजनीकांत अपने करियर के इस पड़ाव पर लगातार प्रयोग कर रहे हैं. 'जेलर' में उन्होंने एक ऐसे किरदार को निभाया जो शांत और सौम्य दिखता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हिंसक हो जाता है. 'काला' और 'कबाली' में भी उनके किरदार पारंपरिक रजनीकांत फिल्मों से अलग थे. ये सभी फिल्में एक हिंसक, लेकिन सिद्धांतों पर टिके रहने वाले नायक की कहानी कहती हैं. 'कुली' इसी प्रयोग की एक और कड़ी हो सकती है.

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