कथावाचक पर Khushboo Patani का फूटा गुस्सा, विवादित बयान पर भड़की
Disha Patani की बहन Khushboo Patani ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज की महिलाओं पर टिप्पणी को बताया अपमानजनक, वीडियो वायरल;
1. विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही लड़कियों को लेकर एक विवादित बयान दिया। इस बयान को लेकर देशभर में गुस्सा फैल गया है और Khushboo Patani ne kya kaha baba ko lekar यह चर्चा का विषय बन गया।
2. कौन हैं खुशबू पाटनी?
Disha Patani की बहन खुशबू पाटनी पूर्व भारतीय सेना अधिकारी रह चुकी हैं और अब सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। उन्होंने समाज से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी राय पहले भी रखी है। इस बार उन्होंने baba ka bayan girls par नाराजगी व्यक्त की है।
3. कथावाचक का विवादित बयान क्या था?
वीडियो में बाबा कहते हैं -
"लड़के पसंद करके लाते हैं 25 साल की लड़कियां, जो 4-5 जगह मुंह मार के आती हैं।"
इस बयान को महिलाओं का अपमान बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यह baba ki live-in relationship par tipanni न केवल अशिष्ट है बल्कि समाज के लिए भी घातक है।
4. खुशबू पाटनी का गुस्सा और प्रतिक्रिया
खुशबू पाटनी ने वीडियो में कहा,
"अगर मैं उनके प्रवचन में होती तो उनसे वहीं सवाल पूछती – ‘आपका कहने का मकसद क्या है?’ आप लड़कियों को टारगेट क्यों कर रहे हैं? लड़कों से क्यों नहीं पूछते जो लिव-इन में रहते हैं?"
उन्होंने कहा कि यह बयान महिला विरोधी और समाज के खिलाफ है। उन्होंने लोगों से ऐसे kathavachak ka support na karne की अपील की जो महिलाओं का अपमान करते हैं।
5. सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर khushboo patani ki speech viral हो चुकी है। लोग उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं और बाबा को ट्रोल कर रहे हैं। ट्विटर, इंस्टाग्राम और एक्स पर ये वीडियो ट्रेंड कर रहा है।
6. लिव-इन रिलेशनशिप पर सामाजिक बहस
भारत में live-in relationship debate 2025 का मुद्दा अब फिर से गरमा गया है। एक ओर कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताते हैं।
7. महिलाओं के सम्मान पर सवाल
खुशबू पाटनी ने जोर दिया कि लिव-इन में दोनों पार्टनर होते हैं, फिर केवल महिलाओं को दोष क्यों? इस सोच पर सवाल उठाने की जरूरत है कि समाज सिर्फ लड़कियों को ही क्यों दोषी ठहराता है।