जब पति को गोद में लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची पत्नी : CHHATARPUR NEWS

छतरपुर। सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था का कैसी है इसका एक नमूना मंगलवार को देखने को मिला। जब एक महिला ने अपने पति को गोद में लेकर कलेक्टर कार्यालय फरियाद करने पहुंची। दरअसल अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर एक व्यक्ति लगभग पांच साल से भटक रहा है लेकिन अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। अधिकारियों और विभाग के चक्कर लगाते-लगाते वह खुद बीमार हो गया और हालत यह हो गई कि वह चलने-फिरने में असमर्थ है। इस हालत में पत्नी ने पति को गोद में लेकर कलेक्टर कार्यालय फरियाद करने पहुंची। उक्त नजारा देखकर लोगों का मन पसीज गया और प्रशासनिक व्यवस्था को कोसने ने नहीं चूके।

Update: 2021-03-20 16:38 GMT

छतरपुर। सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था का कैसी है इसका एक नमूना मंगलवार को देखने को मिला। जब एक महिला ने अपने पति को गोद में लेकर कलेक्टर कार्यालय फरियाद करने पहुंची। दरअसल अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर एक व्यक्ति लगभग पांच साल से भटक रहा है लेकिन अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। अधिकारियों और विभाग के चक्कर लगाते-लगाते वह खुद बीमार हो गया और हालत यह हो गई कि वह चलने-फिरने में असमर्थ है। इस हालत में पत्नी ने पति को गोद में लेकर कलेक्टर कार्यालय फरियाद करने पहुंची। उक्त नजारा देखकर लोगों का मन पसीज गया और प्रशासनिक व्यवस्था को कोसने ने नहीं चूके।

जानकारी अनुसार मामला छतरपुर जिले के परसिया गांव का है। जहां पीड़ित युवक अंशुल गौर ने बताया कि उनकी माता शिक्षा विभाग में पदस्थ थीं जिनका निधन 2015 में हो गया था। उनके द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया जहां अनुकम्पा का आदेश है लेकिन जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी तकनीकी गड़बड़ी बताकर अब तक उसके मामले को अटकाए हुए हैं, अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। पीड़ित ने बताया कि उसका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह चल फिर नहीं पा रहा है जिसके कारण उसकी पत्नी उसे गोद में उठाकर कलेक्टर कार्यालय लेकर पहुंची है।

मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में चिलचिलाती धूप में पति को गोद में लेकर पत्नी जब कार्यालय पहुंची तो वहां मौजूद आम लोगों ने यह नजारा देखकर पसीज गये और शासन-प्रशासन को जमकर कोसा। पीड़ित ने बताया कि वह कई बार जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर फरियाद कर चुका है। 

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