मुकेश अंबानी के करीबी पूर्व कार्यकारी प्रकाश शाह बने संन्यासी, त्यागा ₹75 करोड़ का पैकेज

रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्व शीर्ष कार्यकारी प्रकाश शाह ने ₹75 करोड़ का सालाना पैकेज और आलीशान जीवन त्याग कर जैन धर्म में दीक्षा ले ली है। उनकी पत्नी ने भी संन्यास लिया है।;

Update: 2025-06-23 07:57 GMT

prakash shah and mukesh ambani

करोड़पति प्रकाश शाह बने संन्यासी: ₹75 करोड़ का पैकेज त्यागा

कुछ समय पहले तक प्रकाश शाह का जीवन बेहद आलीशान था – सालाना ₹75 करोड़ का पैकेज, एक शानदार घर, नौकरों की फौज, लग्जरी गाड़ियां, और एक फोन पर हर ख्वाहिश पूरी हो जाती थी। उन्होंने यह सब अपनी मेहनत के दम पर हासिल किया था। लेकिन आज उन्होंने यह सब त्याग दिया है। हम बात कर रहे हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के करीबी सहयोगी और पूर्व शीर्ष कार्यकारी प्रकाश शाह की, जो अब एक संन्यासी बन गए हैं।

उन्होंने अपने सभी भौतिक सुखों को छोड़कर दीक्षा ले ली है। अब प्रकाश शाह महंगे सूट में नहीं, बल्कि सादे सफेद कपड़ों में दिखते हैं, और उनके पैरों में नामीगिरामी ब्रांड के जूते नहीं, बल्कि वे अब नंगे पांव चलते हैं। शाह ने महावीर जयंती के अवसर पर दीक्षा लेकर संन्यासी जीवन अपनाया है। खास बात यह है कि केवल उन्होंने ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी नैन शाह ने भी उनके साथ दीक्षा ली है।

मुकेश अंबानी के करीबी थे प्रकाश शाह

एक समय था जब मुकेश अंबानी, जो न केवल देश बल्कि एशिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक हैं, कोई भी बड़ा फैसला प्रकाश शाह से पूछे बिना नहीं लेते थे। दोनों लंबे समय से साथ काम कर रहे थे। शाह को वैरागी के रूप में देखकर लोग हैरान हैं। उनकी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिन्हें देखने के बाद हर कोई एक ही सवाल कर रहा है कि 'आखिर प्रकाश शाह ने संन्यास क्यों लिया?'

जैन धर्म में अटूट विश्वास बना संन्यास की वजह

हालांकि प्रकाश शाह ने इस बारे में कोई सीधा जवाब नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी लोगों का कहना है कि वे शुरू से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे। उनका जैन धर्म में गहरा और अटूट विश्वास है, जो समय के साथ और बढ़ता चला गया। इसी विश्वास ने उन्हें सांसारिक मोह को त्यागने के लिए प्रेरित किया। इसी वजह से शाह ने ₹75 करोड़ की अपनी नौकरी छोड़कर संन्यासी जीवन अपना लिया।

कॉर्पोरेट जगत में महत्वपूर्ण भूमिका

आपको बता दें कि प्रकाश शाह रिलायंस के सबसे योग्य और मज़बूत व्यक्तियों में गिने जाते थे। वे एक केमिकल इंजीनियर थे, जिन्होंने स्नातक के बाद आईआईटी बॉम्बे से मास्टर्स किया था। इसके बाद उन्होंने कॉर्पोरेट जगत के कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दीं, जिसमें पेटकोक मार्केटिंग और पेटकोक गैसिफिकेशन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी शामिल थीं। फिलहाल, एक करोड़पति का संन्यासी बन जाना लोगों के बीच चर्चा का एक बड़ा विषय बना हुआ है।

क्या होती है दीक्षा?

दीक्षा एक धार्मिक संस्कार है जिसमें एक गुरु अपने शिष्य को आध्यात्मिक मार्ग में दीक्षित करता है। इसके अंतर्गत एक विशेष मंत्र या ज्ञान प्रदान किया जाता है, जिसका पालन शिष्य को करना पड़ता है। इसे आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत माना जाता है, जहाँ शिष्य अपने पुराने जीवन को त्यागकर एक नए आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश करता है, जिसमें माया और भौतिक मोह का कोई स्थान नहीं होता।

जैन धर्म के पांच प्रमुख सिद्धांत

जैन धर्म के पांच मुख्य सिद्धांत हैं:

अहिंसा: किसी भी जीवित प्राणी को किसी भी रूप में कष्ट न पहुंचाना।

सत्य: हमेशा सच बोलना।

अस्तेय: चोरी न करना।

अपरिग्रह: संपत्ति या भौतिक वस्तुओं का अनावश्यक संग्रह न करना।

ब्रह्मचर्य: इंद्रियों पर नियंत्रण रखना और संयमित जीवन जीना।

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