Medical inflation 2022: मेडिकल क्षेत्र की महंगाई के कारण स्वास्थ्य बीमा हुआ महंगा

बीमा कंपनियां (Insurance Companies) कोविड-19 महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल के साथ मेडिकल क्षेत्र (Medical Sector) की महंगाई को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की कीमत में भी बढ़ोतरी कर रही हैं।

Update: 2022-05-09 07:37 GMT

Medical inflation 2022: मेडिकल सेक्टर की महंगाई और कोविड (Covid) संबंधी दावों में वृद्धि से बीमा कंपनियों पर दबाव बढ़ता है। जिसके कारण चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य बीमा महंगा हो सकता है। कई बीमा कंपनियों ने खुरदरा स्वास्थ्य बीमा उत्पादों को महंगा कर दिया है। वहीं कई कंपनियां आने वाले महीनों में कीमत बढ़ाने का फैसला ले सकती है।

खुरदरा स्वास्थ्य उत्पादों की कीमत में कुछ कंपनियों ने 20 फ़ीसदी तो कुछ कंपनियों ने 15 फ़ीसदी बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही हैं। इसके अलावा बीमा कंपनियां कोविड-19 महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल के साथ मेडिकल क्षेत्र (Medical Sector) की महंगाई को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की कीमत में भी बढ़ोतरी कर रही हैं।

मोतीलाल ओसवाल के अनुसार (According to Motilal Oswal)

मोतीलाल ओसवाल के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में कुल स्वास्थ्य दावों में कोविड संबंधी दावों की हिस्सेदारी करीब 6 फीसदी थी। और वित्त वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 11 से 12 फ़ीसदी तक पहुंच सकती है।

एशियाई देशों में मेडिकल महंगाई दर (Medical Inflation in Asian Countries)

भारत में मेडिकल महंगाई दर 14%

चीन में मेडिकल महंगाई दर 12%

वियतनाम में मेडिकल महंगाई दर 10%

फिलिपिंस में मेडिकल महंगाई दर 09%

इंडोनेशिया में मेडिकल महंगाई दर 10% है।

किन कंपनियों ने की बढ़ोतरी (Which companies increased)

स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस और मणिपाल सिग्रा प्रोहेल्थ इंश्योरेंस ने खुरदरा उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी की। मणिपाल सीग्रा प्रोहेल्थ स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के प्रीमियम में 14 फ़ीसदी और स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस ने स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की प्रीमियम में 15 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है।

प्रसून सिकंदर के अनुसार (According to Prasoon Sikander)

मणिपाल सिग्रा हेल्थ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक प्रसून सिकंदर के अनुसार कोरोना महामारी के कारण उपचार संबंधित प्रोटोकॉल में कई बदलाव आए हैं जिसे देखते हुए हमने 3 साल बाद स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की कीमत बढ़ाई है और आवश्यकता होने पर अन्य उत्पादों की कीमत में भी बढ़ोतरी की जा सकती है।

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