Sumant Kathpalia: इंडसइंड बैंक के पूर्व CEO सुमंत कथपालिया पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप, SEBI से मांगी माफी

इंडसइंड बैंक के पूर्व सीईओ सुमंत कथपालिया ने कथित इनसाइडर ट्रेडिंग मामले को निपटाने के लिए सेबी को ₹5.21 करोड़ का प्रस्ताव दिया है. सेबी ने मई में उन्हें और चार अन्य अधिकारियों को शेयर बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया था.;

Update: 2025-08-01 10:00 GMT

Indusind Bank 

इंडसइंड बैंक के पूर्व CEO सुमंत कथपालिया पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप: इंडसइंड बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुमंत कथपालिया पर इनसाइडर ट्रेडिंग के एक बड़े मामले में आरोप लगे हैं. इस मामले को निपटाने के लिए उन्होंने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के सामने एक प्रस्ताव रखा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, कथपालिया ने नियामक (SEBI) को ₹5.21 करोड़ के निपटान (settlement) का प्रस्ताव दिया है, जिसे स्वीकार किए जाने पर यह मामला सुलझ सकता है. सेबी का सेटलमेंट मैकेनिज्म (settlement mechanism) व्यक्तियों को आरोपित नियमों के उल्लंघन को स्वीकार या इनकार किए बिना, एक निपटान शुल्क का भुगतान करके मामले को सुलझाने की अनुमति देता है.

सेबी को दिया ₹5.21 करोड़ का प्रस्ताव: आरोप स्वीकार किए बिना सुलह

सेबी का सेटलमेंट मैकेनिज्म क्या है? सुमंत कथपालिया ने सेबी को जो ₹5.21 करोड़ का निपटान प्रस्ताव दिया है, वह सेबी के एक विशेष मैकेनिज्म के तहत है. इस मैकेनिज्म का फायदा यह है कि कोई भी व्यक्ति जो नियामक के नियमों के उल्लंघन का आरोपी है, वह आरोपों को स्वीकार या इनकार किए बिना एक निश्चित राशि का भुगतान करके मामले को सुलझा सकता है. इससे कानूनी लड़ाई और समय की बचत होती है.

क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग का पूरा मामला? RBI के निर्देश से जुड़ी है कहानी

सुमंत कथपालिया पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप क्यों है? यह पूरा मामला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक निर्देश से संबंधित है, जिसका बैंक पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता था. सेबी की जांच में खुलासा हुआ कि सुमंत कथपालिया और बैंक के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने RBI के सर्कुलर के सार्वजनिक होने से पहले ही आंतरिक मूल्यांकन (internal evaluations) से प्राप्त गोपनीय जानकारी का उपयोग करके शेयरों में ट्रेडिंग की थी. इन अधिकारियों ने इस गोपनीय जानकारी का फायदा उठाते हुए अवैध तरीके से शेयर बाजार में लेन-देन किया.

सेबी की कार्रवाई: कथपालिया समेत 5 अधिकारियों पर लगा प्रतिबंध

इस मामले में मई 2025 में सेबी ने सख्त कार्रवाई करते हुए सुमंत कथपालिया और इंडसइंड बैंक के चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिभूति बाजार (securities markets) में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया था. सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में इन पांचों व्यक्तियों से ₹19.78 करोड़ की रकम भी जब्त कर ली थी. कथपालिया के अलावा, आदेश में जिन अन्य अधिकारियों के नाम थे, उनमें अरुण खुराना (तत्कालीन कार्यकारी निदेशक और डिप्टी सीईओ), सुशांत सौरव (ट्रेजरी ऑपरेशंस के प्रमुख), रोहन जठन्ना (जीएमजी ऑपरेशंस के प्रमुख) और अनिल मार्को राव (सीएओ – कंज्यूमर बैंकिंग ऑपरेशंस) शामिल हैं. सेबी ने अपने आदेश में कहा था, "सभी नोटिसियों (Noticees) को आगे के आदेश तक किसी भी तरह से, सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से, प्रतिभूतियों को खरीदने, बेचने या उनसे निपटने से प्रतिबंधित किया जाता है."

इंडसइंड बैंक का हाल: Q1 FY26 में मुनाफे में बड़ी गिरावट

इंडसइंड बैंक के मुनाफे में गिरावट क्यों आई? इसी महीने की शुरुआत में, इंडसइंड बैंक ने अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए कमाई की रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बैंक के मुनाफे में पिछले साल की तुलना में 68% की भारी गिरावट देखी गई. बैंक ने इस तिमाही में ₹684 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया. यह गिरावट मुख्य रूप से उच्च प्रावधानों (higher provisions) और परिसंपत्ति गुणवत्ता (asset quality) में गिरावट के कारण आई है. पिछली तिमाही में, इस निजी क्षेत्र के बैंक ने ₹2,236 करोड़ का नुकसान दर्ज किया था, जिसका मुख्य कारण बैंक के डेरिवेटिव्स बुक में पाई गई विसंगतियां थीं.

इस निजी क्षेत्र के बैंक पर तब से ही नजर रखी जा रही थी जब उसने अपने डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में ₹1,580 करोड़ की विसंगति का खुलासा किया था. बैंक ने कई लेखांकन खामियों (accounting lapses) को स्वीकार किया था, जिसके बाद सुमंत कथपालिया ने 29 अप्रैल को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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