भारत में बोतलबंद पानी का कारोबार तेजी पर, 2030 तक दोगुना होने का अनुमान

भारत में बोतलबंद पानी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। 2023 में 3,792 मिलियन डॉलर का यह बाजार 2030 तक दोगुने से भी ज़्यादा होने की उम्मीद है।;

Update: 2025-08-13 11:16 GMT

Bottled Water

भारत में बोतलबंद पानी का कारोबार: आज पानी सिर्फ जीवन का आधार नहीं, बल्कि एक बड़ा बिजनेस बन चुका है। भारत में बोतलबंद पानी का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले सालों में इसकी रफ्तार और तेज होगी। मैक्सिमाइज मार्केट रिसर्च के अनुसार, पिछले 5 सालों में इस बाजार में 40-45% की बढ़ोतरी हुई है। इसका मुख्य कारण लोगों की बढ़ती आमदनी, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और नल के पानी पर घटता भरोसा है।

बाजार का आकार और अनुमानित ग्रोथ

ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत का पैकेज्ड वाटर मार्केट 3,792.39 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था। अनुमान है कि 2030 तक यह बढ़कर 8,922 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। हालांकि, भारत दुनिया के टॉप 10 बोतलबंद पानी का इस्तेमाल करने वाले देशों में शामिल है, लेकिन यहां प्रति व्यक्ति खपत का औसत अभी भी वैश्विक औसत से काफी कम है।

कोविड के बाद नई रणनीतियां

कोविड-19 महामारी के दौरान होटलों, रेस्टोरेंटों और यात्राओं पर प्रतिबंध लगने से इस इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा था। लेकिन अब पर्यटन फिर से शुरू हो गया है, तो कंपनियां ग्राहकों तक सीधे पहुंचने के नए तरीके अपना रही हैं। बिसलेरी, एक्वाफिना और बैली जैसे बड़े ब्रांड अब होम डिलीवरी पर जोर दे रहे हैं। OwO टेक्नोलॉजी जैसी कंपनियां ऐप के जरिए ऑर्डर लेकर नकली पानी की समस्या से भी लड़ रही हैं।

डिमांड बढ़ने के कारण

भारत प्राकृतिक जल संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन बढ़ती आबादी, जलवायु परिवर्तन और खराब सप्लाई सिस्टम की वजह से पानी की किल्लत बढ़ रही है। ऐसे में लोग बाहर निकलते समय सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प के रूप में बोतलबंद पानी खरीदना पसंद करते हैं। यात्रा, ऑफिस, स्कूल-कॉलेज और आयोजनों में इसकी सबसे ज्यादा मांग रहती है।

चुनौतियां और समस्याएं

इस बढ़ते कारोबार के साथ कई चुनौतियां भी हैं। कमजोर परिवहन व्यवस्था, बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, ब्रांड को अलग पहचान देना और प्लास्टिक कचरे का बढ़ता पर्यावरणीय विरोध, ये इस इंडस्ट्री के लिए बड़ी मुश्किलें हैं। इसके अलावा, भारत में नकली पैकेज्ड वाटर एक बड़ी समस्या है, खासकर रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर, जहां पुरानी बोतलों में भरकर पानी बेचा जाता है। FSSAI के सर्वे में भी कई सैंपल तय मानकों पर खरे नहीं उतरे थे।

मार्केट के बड़े खिलाड़ी और उनकी हिस्सेदारी

भारत में पैकेज्ड वाटर का बिजनेस पार्ले के बिसलेरी से शुरू हुआ, लेकिन अब कोका-कोला के किनले और पेप्सीको के एक्वाफिना जैसे वैश्विक ब्रांड भी बाजार में हैं। मार्केट शेयर में बिसलेरी 40% से ज़्यादा के साथ पहले नंबर पर है, इसके बाद किनले (28.3%) और एक्वाफिना (19.1%) हैं। हाल ही में, एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने भी 'बैकबे' नाम से अपना प्रीमियम वाटर ब्रांड लॉन्च किया है।

पानी संकट की चेतावनी

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर भारत में पानी का प्रबंधन नहीं सुधरा तो अगले 20 सालों में बड़ा संकट आ सकता है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में भारत में पानी की मांग उसकी उपलब्धता से ज़्यादा हो जाएगी।

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