इनकम टैक्स रिफंड में बंपर उछाल पर विभाग की सख्ती, ITR फॉर्म में भी देरी

FY25 में आयकर रिफंड 474% बढ़कर ₹4.77 लाख करोड़ हो गया है, पर विभाग फर्जी दावों पर सख्ती कर रहा. वहीं, ITR फॉर्म जारी होने में भी देरी हुई है, जिससे करदाताओं को मुश्किल.;

Update: 2025-07-28 12:28 GMT

Income Tax Refunds

आयकर रिफंड में रिकॉर्ड उछाल: भारत में आयकर रिफंड के आंकड़ों ने हाल ही में सुर्खियां बटोरी हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में आयकर रिफंड में जबरदस्त उछाल देखा गया है, जो ₹4.77 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2013-14 (FY14) के ₹83,008 करोड़ के मुकाबले 474% की भारी वृद्धि दर्शाता है. यह वृद्धि सरकार की करदाता अनुकूल नीतियों, तकनीकी सुधारों और रिफंड प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयासों का परिणाम मानी जा रही है. हालांकि, रिफंड की इस रिकॉर्ड वृद्धि के साथ ही कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं.

फर्जी रिफंड पर टैक्स विभाग की देशव्यापी कार्रवाई: क्यों हो रही है सख्ती?

फर्जी आयकर रिफंड कैसे रोके जा रहे हैं? आयकर रिफंड में बंपर उछाल के बीच, टैक्स विभाग देशभर में फर्जी रिफंड दावों पर शिकंजा कस रहा है. विभाग को संदेह है कि इस वृद्धि का एक हिस्सा धोखाधड़ी वाले दावों के कारण हो सकता है. हाल ही में, कर विभाग ने कई शहरों में छापेमारी की है और ऐसे संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश किया है जो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) और अन्य तरीकों से कर चोरी कर रहे थे. इन कार्रवाइयों का उद्देश्य वास्तविक करदाताओं को नुकसान पहुंचाए बिना फर्जी दावों पर लगाम लगाना है. विभाग का कहना है कि वे उन्नत डेटा एनालिटिक्स और खुफिया जानकारी का उपयोग करके संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर रहे हैं ताकि धोखाधड़ी को रोका जा सके और राजस्व के नुकसान को बचाया जा सके. यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए है कि रिफंड केवल योग्य करदाताओं को ही मिलें.

ITR फॉर्म जारी होने में देरी: करदाताओं को हो रही है परेशानी

ITR फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है? इस बार करदाताओं को आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी होने में अप्रत्याशित देरी का सामना करना पड़ा है, जिससे वे परेशान हैं.

  • सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ITR 1 और ITR 4 के एक्सेल यूटिलिटीज (जो ऑफलाइन फाइलिंग में मदद करते हैं) 30 मई को जारी किए गए थे.
  • अधिक जटिल ITR 2 और ITR 3 के एक्सेल यूटिलिटीज 11 जुलाई को जारी किए गए, जबकि
  • ITR 2 की ऑनलाइन फाइलिंग 18 जुलाई को ही शुरू हो पाई.

यह देरी करदाताओं के लिए चुनौती खड़ी कर रही है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आय के स्रोत जटिल हैं और जिन्हें ITR 2 या 3 जैसे फॉर्म भरने होते हैं. उन्हें अपना रिटर्न तैयार करने और फाइल करने के लिए कम समय मिल रहा है, जिससे गलतियों की संभावना बढ़ सकती है और अंतिम समय में हड़बड़ी हो सकती है.

करदाताओं पर इन तीन मुद्दों का क्या असर होगा?

टैक्स फाइलिंग में इस बार क्या चुनौतियां हैं? आयकर रिफंड में वृद्धि, फर्जी दावों पर कार्रवाई और ITR फॉर्म जारी होने में देरी – इन तीनों मुद्दों का करदाताओं पर सीधा असर पड़ेगा:

जल्दी रिफंड की उम्मीद: जिन करदाताओं का रिफंड बकाया है, उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी और उन्हें जल्दी रिफंड मिलेगा.

सख्ती का डर: हालांकि, फर्जी दावों पर विभाग की सख्ती के कारण वास्तविक करदाता भी कहीं अनजाने में जांच के दायरे में न आ जाएं, इस बात की चिंता हो सकती है.

फाइलिंग में जल्दबाजी: ITR फॉर्म जारी होने में देरी के कारण, करदाताओं को अपना रिटर्न तैयार करने और फाइल करने के लिए कम समय मिला है. इससे अंतिम समय में जल्दबाजी हो सकती है और गलतियों की संभावना बढ़ सकती है.

पारदर्शिता में सुधार: लंबे समय में, विभाग की यह सख्ती और तकनीकी सुधार कर प्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाएंगे और कर चोरी को कम करने में मदद करेंगे, जिससे ईमानदार करदाताओं को फायदा होगा.

करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने सभी दस्तावेजों को सही और समय पर तैयार रखें, और अंतिम तिथि का इंतजार न करें.

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