IEX के शेयर धड़ाम: पावर कपलिंग लागू होने की खबर से 10% गिरे दाम

पावर कपलिंग लागू होने की खबर के बाद गुरुवार को इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयर 10% गिरकर लोअर सर्किट पर पहुंच गए. यह बदलाव बिजली के ट्रेडिंग नियमों को प्रभावित करेगा.;

Update: 2025-07-24 05:37 GMT

एक शेयर मार्केट ग्राफ, जो IEX शेयरों पर पावर कपलिंग के प्रभाव को दर्शाते हैं.

गुरुवार, 24 जुलाई को इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड (IEX) के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट्स सामने आने के बाद कि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) ने डे-अहेड मार्केट (DAM) के साथ पावर कपलिंग को लागू करने की मंजूरी दे दी है, कंपनी के शेयर लोअर सर्किट पर पहुंच गए. सुबह 9:15 बजे, NSE पर शेयर 10% गिरकर ₹169.1 पर आ गए. यह खबर निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि यह IEX के व्यापार मॉडल पर सीधा असर डाल सकती है.

क्या है पावर कपलिंग? 

पावर कपलिंग क्या है और यह कैसे काम करेगा? पावर कपलिंग एक ऐसा मॉडल है जिसमें भारत के सभी पावर एक्सचेंजों से आने वाली खरीदने और बेचने की बोलियों (buy bids and sell bids) को एक साथ मिलाया जाएगा. इन सभी बोलियों को मिलाकर एक समान मार्केट क्लियरिंग प्राइस (MCP) तय किया जाएगा. इसका सीधा मतलब यह होगा कि इन एक्सचेंजों के माध्यम से किसी भी समय ट्रेड होने वाली बिजली की कीमत एक ही होगी.

नए नियमों के पहले चरण के तहत, डे-अहेड मार्केट (DAM) को जनवरी 2026 तक कपल कर दिया जाएगा. इस सिस्टम में, विभिन्न पावर एक्सचेंज बारी-बारी से मार्केट कपलिंग ऑपरेटर (MCOs) के रूप में काम करेंगे, जिसके लिए राउंड-रॉबिन व्यवस्था का पालन किया जाएगा.

उपभोक्ताओं पर क्या होगा असर? क्या बिजली सस्ती होगी?

पावर कपलिंग से बिजली की कीमत पर क्या असर पड़ेगा? अगर पावर कपलिंग को पूरी तरह से लागू कर दिया जाता है, तो सभी पावर एक्सचेंज केवल एक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेंगे जहां से खरीदने और बेचने की बोलियां प्राप्त होंगी और बिजली खरीदार तक पहुंचाई जाएगी. इस मैकेनिज्म का उपभोक्ता पर कोई सीधा या तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा. हालांकि, लंबे समय में, यह उपभोक्ताओं के लिए बिजली के कुल टैरिफ को कम कर सकता है. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि एक समान कीमत होने से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और कीमतें ज्यादा स्थिर होंगी.

केंद्र सरकार क्यों चाहती है पावर कपलिंग?

केंद्र सरकार पावर कपलिंग क्यों लागू करना चाहती है? समान मूल्य निर्धारण के अलावा, केंद्र सरकार पावर कपलिंग को इसलिए भी लागू करना चाहती है क्योंकि वह बिजली के व्यापार में पावर एक्सचेंजों की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है. सरकार का लक्ष्य दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों (PPAs) के वर्तमान स्वरूप को कम करना है, जो अक्सर 25 साल तक चलते हैं. सरकार चाहती है कि बिजली की खरीद-बिक्री अधिक बाजार-आधारित हो, जिससे आपूर्ति और मांग के अनुसार कीमतों का निर्धारण हो सके, बजाय इसके कि लंबी अवधि के अनुबंधों में कीमतें फिक्स रहें. इससे बाजार में अधिक लचीलापन और दक्षता आएगी.

IEX के शेयर की हालिया परफॉर्मेंस

IEX के शेयर की कीमत क्या है? पिछले एक साल में, IEX के शेयरों में लगभग 7% की बढ़ोतरी देखी गई थी, जबकि इसी अवधि में बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स में लगभग 3.3% का लाभ हुआ था. इस वृद्धि के बाद, पावर कपलिंग को लागू करने की खबर ने शेयर बाजार में कंपनी के लिए एक बड़ा झटका दिया है, जिससे निवेशकों को चिंता हो रही है कि यह बदलाव कंपनी के राजस्व और मुनाफे को कैसे प्रभावित करेगा. बाजार अब इस बात पर नजर रखेगा कि ये नए नियम IEX के व्यापार मॉडल को किस तरह बदलते हैं और लंबी अवधि में इसका क्या असर होता है.

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