Anuppur News : बेकाबू हाथियों ने मचाया कोहराम, झोपड़ी में सो रहे पति-पत्नी और नाती को कुचला, हो गई मौत, गांव में दहशत

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अनूपपुर जिले (Anuppur District) के बिजुरी वन परिक्षेत्र के बेलगांव में हाथियों के हमले से तीन लोगो की मौत हो गई है।

Update: 2021-08-26 10:04 GMT

Anuppur /अनूपपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से भटक कर आए जंगली हाथियों ने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अनूपपुर जिले (Anuppur District) में कोहराम मचा दिया है। हाथियों ने झोपड़ी पर हमला बोलते हुए उसके अंदर सो रहे पति-पत्नी एवं उनके नाती को कुचल कर मौत की नींद सुला दिए है।

यह घटना एमपी के अनूपपुर जिले के बिजुरी वन परिक्षेत्र के बेलगांव के पछराटोला की है। हाथियों के हमले से केवट परिवार के तीन सदस्यों की मौत हुई है। देर रात गुस्साए हाथी झोपड़ी में पहुंचे और तीनों को पटक-पटक कर मार डाला। गुरुवार सुबह ग्रामीणों को घटना का पता चलते ही बिजुरी वन परिक्षेत्र के वन विभाग को सूचना दिया गया।

इनकी हुई मौत

जानकारी के मुताबिक मृतकों में गया प्रसाद केवट पिता नोहर शाह 55 वर्ष उनकी पत्नी मुन्नी बाई केवट 52 वर्ष और उनका नाती राजकुमार पिता पवन केवट 6 वर्ष शामिल है।

ग्रामीणो में आक्रोश

जानकारी लगने पर प्रशासन के साथ ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। घटना के बाद से ही परिजन और ग्रामीण गुस्से में हैं। हाथियों का उचित प्रबंधन नहीं होने की वजह से उन्होंने आक्रोश जताया। वन विभाग एवं सरकार से पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता दिलाये जाने की मांग की गई है।

सात हाथियों का है दल

बिजुरी वन परिक्षेत्र का बेलगांव छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा है। यहां जंगली हाथियों का मूवमेंट पहले भी होता रहा है। जंगली हाथियों के झुंड में सात हाथी हैं। वन विभाग को साजाटोला में हाथियों के मूवमेंट की एक दिन पहले ही जानकारी मिली थी।

ग्रामीणों का कहना है कि झोपड़ी में तीनों लोगों को मारने के बाद हाथियों ने झोपड़ी में रखा खाना और कुछ अनाज खा लिए।

वन विभाग ने नही कराई मुनादी

ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा हाथियों के मूवमेंट की जानकारी नहीं दी गई थी, जिस कारण लोग इस बात से अंजान थे कि उनके गांव के आसपास जंगली हाथी घूम रहे हैं। वन विभाग को हाथियों के मूमेंट की मुनादी करवानी चाहिये थी।

लेकिन वन विभाग महज सोशल मीडिया पर जानकारी प्रसारित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। जबकि गांव में रहने वाले ज्यादातर ग्रामीणों के पास मोबाइल नहीं है, ऐसे में वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है।

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