रीवा के कुछ खास प्राकृतिक पर्यटन स्थल, जो खतरनाक भी हैं

रीवा से महज 15 दूर मुकुंदपुर में सफ़ेद बाघ, बंगाल टाइगर , हिरन , साम्भर आदि जीव देख सकते हैं, जंगली जानवरों को प्राकृतिक वातावरण में रखकर उन्हें संरक्षित किया गया है.
रानीतालाब
कहानी प्रचलित है की ये तालाब लवाना जाती के लोगो ने खोदा था,और महारानी को भेंट किया था, यहाँ पर वोट में सैर भी कर सकते हैं,
रीवा का किला
यह 400 साल पुराना किला है, राजपरिवार की 35 पीढ़ियों ने यहाँ राज किया है, यहाँ पर म्यूजियम हैं जहाँ पर प्राचीन संग्रह देख सकते हैं
गोविंदगढ़ तालाब
गोविंदगढ़ पैलेस तालाब के किनारे पर स्थित व यहाँ प्रकति से घिरी यह जगह में पक्षियों की चह चहाहट से गूंजती रहती हैं
क्योंटी
सिरमौर से महज 12km की दूरी पर स्थित क्योंटी भारत का 24वां सबसे ऊँचा जलप्रपात हैं
पुरवा फाल
यह फाल शहर से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , टमस के किनारे इस फाल में हजारों लोग हर साल आते हैं
चंचाई जलप्रपात
यह जलप्रपात शहर से 50km की दूरी पर स्थित हैं, बारिश के मौसम में काफी सुन्दर द्रिश्य देखने को मिलता है यहाँ
बहुति वाटरफॉल
इसकी ऊंचाई 650 फ़ीट है, यह मऊगंज के पास बहुत गांव में स्थित है
देउर कोठार
देउर कोठार सोहागी में स्थित है, यहाँ पर अशोक के काल के 2000 वर्ष पुराने बौद्ध स्तूप मौजूद हैं, व 5000 पुराने शैलचित्र व भित्तिचित्र भी देख सकतें हैं
घिनौची धाम
यह बरदहा घाटी में स्थित है, प्रकृति की वादियों में काफी मनोरम द्रिश्य दिखाई देते हैं, साथ ही यहाँ की घाटी में काफी ज्यादा थ्रिल व एडवेंचर का अहसास होता है
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