बच्चे को थप्पड़ मारना, इन देशों में है गुनाह, वजह जानिए

हमारे देश में कई बार माता-पिता अपना गुस्सा बच्चे पर उतार देते हैं।
हमारे यहां बच्चा सोता नहीं तो दो-चार चपेट लगा कर सुलाना आम बात है.
जेजे 'जुवेनाइल जस्टिस' एक्ट के तहत पुलिस में शिकायत की जा सकती है, बच्चे को चोट पहुंचती है तो आईपीसी के तहत भी केस दर्ज हो सकता है।
इस एक्ट के तहत किसी बच्चे या नाबालिग के ऊपर हाथ उठाता है, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता है तो उस व्यक्ति को तीन साल की कैद हो सकती है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323 के अनुसार किसी को भी शारीरिक और मानसिक तौर से परेशान करना अपराध है.
अनुच्छेद 88 और 89 उन सभी लोगों को संरक्षण देती है, जो बच्चों की किसी भी प्रकार की चोट पहुंचाते हैं, बशर्ते ये बच्चे की भलाई के लिए किया गया हो।
दुनिया के 53 देशों में घर या स्कूल में बच्चों को दी जाने वाली शारीरिक सजा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है, इसकी शुरुआत सबसे पहले 1979 में स्वीडन में हुई थी।
स्कूल की बात करें तो 117 देश ऐसे हैं, जहां टीचर्स बच्चे पर हाथ नहीं उठा सकते।
जिम्बाब्वे और मोरक्को सहित 20 देश ऐसे हैं जहां बच्चों को सजा देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया में नाबालिग बच्चे को शैतानी करने पर सजा देना कानूनी है बशर्ते उसकी वजह उचित हो।
कनाडा में पेरेंट्स बच्चों को अनुशासित करने के लिए हाथ उठा सकते हैं, लेकिन इस पर भी कई प्रतिबंध लगे हुए हैं।
कनाडा में पेरेंट्स बच्चों को अनुशासित करने के लिए हाथ उठा सकते हैं, लेकिन इस पर भी कई प्रतिबंध लगे हुए हैं।
Author : Akash dubey
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