आरबीआई ने आज रेपो रेट में कोई बदलाव न करने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
पिछले एक साल में आरबीआई ने रेपो दरों में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि आज की बैठक में फैसला लिया गया है कि स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 प्रतिशत पर बनी रहेगी
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है।
आरबीआई गवर्नर ने भू-राजनीतिक स्थिति की वजह से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार घटने की बात भी कही है।
उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर है। इसके पूरे साल के दौरान लक्ष्य से ऊपर रहने का अनुमान है।
मुद्रास्फीति को तय दायरे में बनाए रखने के लिए एमपीसी त्वरित और उचित नीतिगत कार्रवाई जारी रखेगी।
आरबीआई को उम्मीद है कि जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.7 प्रतिशत रहेगी।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत किया है।
आरबीआई ने ई-रुपया वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है। गैर-बैंकिंग कंपनियों को इस तरह के साधन जारी करने की अनुमति दी जाएगी।
आरबीआई ने ई-रुपया वाउचर के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है। गैर-बैंकिंग कंपनियों को इस तरह के साधन जारी करने की अनुमति दी जाएगी।
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं।