रतन टाटा ने बुजुर्गों के लिए एक स्टार्टअप में किया निवेश, देखें

कारोबारी जगत के मजबूत स्तंभ रतन टाटा ने आज मंगलवार 16 अगस्त को एक स्टार्टअप गुडफेलोज में निवेश का ऐलान किया है.
यह स्टार्टअप बुजुर्गों को सेवा के रूप में कंपेयनशिप यानी साथ मुहैया कराती है.
स्टार्टअप में सक्रिय तरीके से निवेश कर रहे हैं और अब तक 50 से अधिक कंपनियों में निवेश कर चुके हैं.
इस स्टार्टअप को शांतनु नायडू ने स्थापित किया है.
शांतनु नायडू तीस साल के हैं और उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. वह टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर हैं.
नायडू ने गुडफेलोज समेत चार कंपनियों की शुरुआत की है जिसमें एक पालतू जानवरों के लिए है.
84 वर्षीय टाटा ने नायडू के विचार की सराहना करते हुए कहा कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन नहीं करता.
दुनिया में डेढ़ करोड़ बुजुर्ग हैं, जो अकेले हैं जोकि गुडफेलोज के लिए अवसर के समान है
इन बुजुर्गों के साथी के रूप में गुडफेलोज में ऐसे युवा ग्रेजुएट्स को काम पर रखा जाता है जिनके पास संवेदना की उचित क्षमता और भावनात्मक बुद्धिमता हो.
नायडू का कहना है कि सही साथी के चयन के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ली जएगी.
इन्हें बुजुर्गों की जरूरतों के मुताबिक काम करना होगा जैसे कि उनके साथ कैरम खेलना, उनके लिए अखबार पढ़ना या उनके साथ झपकी लेना.
अभी कंपनी के साथ पिछले छह महीने में मुंबई में 20 बुजुर्ग जुड़े हैं और इसकी योजना जल्द ही पुणे, चेन्नई और बेंगलूरु में विस्तार की है.
Author : Akash dubey
Explore