Education Loan लेने से पहले इन बातो पर ध्यान दें

अब Education Loan का चलन बढ़ रहा है. बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा दिलाने में एजुकेशन लोन अभिभावकों का बहुत बड़ा सहारा बन गया है.
पढ़ाई के लिए कर्ज लेने से पहले आपको कुछ बातों का ख्‍याल रखना चाहिए.
सोच-समझकर और अच्‍छे से पूछ-परख करके आप लोन लेंगे तो आपको बाद में ऋण चुकाने में आसानी तो होगी ही, बल्कि आपको पैसे की भी बचत होगी.
किसी भी कोर्स में दाखिला लेने पर कई तरह का खर्च होता है. इसमें कोर्स की फीस, हॉस्‍टल या रहने का खर्च, किताबों, लैपटॉप आदि पर खर्च होने वाली राशि.
बिना खर्च जोड़े कर्ज के लिए आवेदन करना समझदारी नहीं है, क्‍योंकि इससे आगे पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ सकते हैं.
बैंक कोर्स की अवधि के अलावा एक साल का अतिरिक्त मोरेटोरियम समय भी लोन चुकाने के लिए देते हैं.
बैंक मोरेटोरियम पीरियड को दो साल और बढ़ा सकता है. लोन लेते वक्‍त इन सब बातों को ध्‍यान में रखते हुए रीपेमेंट पीरियड चुनना चाहिए.
एजुकेशन लोन ब्‍याज दर कोर्स, संस्‍थान, पिछले एकेडमिक परफॉरमेंस, छात्र/को-एप्लीकेंट के क्रेडिट स्कोर और सिक्योरिटी जैसी बातों पर निर्भर करती है.
इस लिए लोन लेने से पहले सभी बैंकों की ब्‍याज दरों की जानकारी अच्‍छी तरह से ले लेनी चाहिए.
जिस कोर्स और संस्‍थान में आप दाखिला ले रहे हैं, उस कोर्स और संस्‍थान की प्‍लेसमेंट दर को एजुकेशन लोन लेने से पहले जानना जरूरी है.
Author : Akash dubey
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