अगर मैच्योरिटी के बाद भी आप अपना पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं तो आपकों पैसे निकालने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा।
एफडी की अवधि पूरी होने के बाद कई लोग पैसा निकालते नहीं हैं। कई सालों तक पैसा यू हीं पड़ा रहता है, और कई लोग तो एफडी के नॉमिनी भी नियु्क्त नहीं करते हैं।
अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि होता जो सेविंग खाता एफडी अकाउंट जुड़ा है एक्टिव नहीं होता है। कई बार खाताधारक एफडी के पैसे जरूरत न होने की वजह से यू हीं छोड़ देता है।
अगर किसी भी प्रकार के डिपॉजिट का पैसा, इनमें मैच्योरिटी भी शामिल है को 10 साल के अन्दर निकासी नहीं किया जाता है तो यह राशि डीईएएफ में ट्रांसफर कर दी जाती है।
रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक अगर आप सेविंग्स या करंट अकाउंट में दो साल तक कोई लेन देन नहीं करते हैं तो खाता निष्क्रिया हो जाता है।
सेविंग एकाउंट की तरह ही टर्म डिपॉजिट खाते का पैसा मैच्योरिटी के दिन के बाद अगर 2 साल के अंदर निकासी नहीं जाता है तो वह खाता बंद कर दिया जाता है।
आरबीआई गाइडलाइन के मुताबिक सभी बैंकों को अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर इस तरह के फंसे पैसे और ग्राहकों को जिक्र करना जरूरी है।
जिन लोगों का पैसा फंसा है वह बैंक की बेवसाइट चेक करके बैंक के ब्रांच से संपर्क करें।