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ये 4 ऐप बिलकुल भी डाउनलोड न करें, हो सकता है अकाउंट खाली

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:13 AM GMT
ये 4 ऐप बिलकुल भी डाउनलोड न करें, हो सकता है अकाउंट खाली
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ग्वालियर। यदि आपके मोबाइल पर कोई लिंक मैसेज आता है और सॉफ्टवेयर अपडेट के लिए स्क्रीन शेयरिंग ऐप (एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, एयरड्रोइड, टीम व्यूअर) डाउनलोड करने को कहा जाता है तो बिल्कुल न करें। क्योंकि यह ऐप इंस्टॉल करते ही आपका मोबाइल रिमोर्ट एक्सेस कर लिया जाएगा। आपके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी, यूपीआई व एटीएम-क्रेडिट कार्ड पिन की जानकारी ठगों को हो जाएगी। वे चंद मिनट में ई-वॉलेट व बैंक खाते खाली कर देंगे। इन ऐप को इंस्टॉल न करने के लिए बुधवार को राज्य सायबर पुलिस जोन ग्वालियर द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है।

रिसर्च के बाद जारी की एडवाइजरी

राज्य सायबर पुलिस ने पिछले 2 महीने में उनके पास आई शिकायतों पर रिसर्च किया तो यह नया तरीका सामने आया। इसके बाद उन्होंने खुद इस पर काम किया। जब यकीन हो गया तो एडवाइजरी जारी कर इन 4 स्क्रीन शेयरिंग ऐप को डाउनलोड या इंस्टॉल न करने की सलाह दी है।

यह रखें सावधानी

- 1 किसी अनजान के कहने पर रिमोर्ट एक्सेस ऐप इंस्टॉल न करें।

- 2 किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी उपयोगिता पर जरूर विचार करें।

- 3 अपने बैंक, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट की जानकारी मोबाइल पर आए ओटीपी व वैरीफिकेशन कोड शेयर न करें।

- 4 पेटीएम के केवायसी अपडेंशन के लिए पेटीएम ऐप पर दिए गए नजदीक सेंटर पर संपर्क करें।

सायबर अपराध का नया तरीका, पहले पूछते थे ओटीपी-पिन

सायबर पुलिस ने काफी विश्लेषण के बाद पाया है कि सायबर अपराधियों ने ठगी का यह नया तरीका निकाला है। जिसमें वह इन स्क्रीन शेयरिंग एप का उपयोग कर रहे हैं। ठगों द्वारा लिंक मैसेज या अन्य किसी माध्यम से टारगेट को यह स्क्रीन शेयरिंग इंस्टॉल करने के लिए एप्लीकेशन भेजी जाती है। इसको इंस्टॉल करते ही आपके फोन को इन ठगों द्वारा रिमोर्ट एक्सेस पर ले लिया जाता है। अब आपके फोन में कुछ भी गोपनीय नहीं रहता, जो भी आपके फोन से आप करते हैं वह ठगों को दिखता है। चाहे वह क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड पिन की जानकारी हो या कोई ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी, सब कुछ ठगों से शेयर हो जाता है। इसके बाद टारगेट का खाता खाली करने में इन्हें ज्यादा समय नहीं लगता है। जबकी पहले सायबर ठग कॉल कर या मैसेज के जरिए कोई इनाम, डॉक्यूमेंट वैरीफिकेशन का झांसा देकर ओटीपी पूछकर या पिन जानकर ठगी करते थे।

पिछले कुछ समय में आई शिकायतों में यह स्क्रीन शेयरिंग ऐप के माध्यम से ठगी करना पाया गया है। इसलिए आम लोगों को जागरूक करने एडवाइजरी जारी की गई है। - सुधीर अग्रवाल, एसपी, राज्य सायबर पुलिस जोन ग्वालियर

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