अध्यात्म

रत्न धारण करने से पहले अपनाएं यह सावधानी, अन्यथा नहीं मिलेगा पूर्ण लाभ

रत्न धारण करने से पहले अपनाएं यह सावधानी, अन्यथा नहीं मिलेगा पूर्ण लाभ
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रत्न शास्त्र के मुताबिक रत्न धारण करने पर कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।

रत्न शास्त्र के मुताबिक रत्न धारण करने पर कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। केवल रत्न धारण करने से ग्रहों की शांति कर उनकी शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। लेकिन कई बार लोगों द्वारा कहा जाता है कि रत्न धारण करने के बाद भी लाभ नहीं हो रहा। ऐसे मे रत्नशास्त्री बताते हैं कि रत्न धारण करते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। रत्न से संबंधित ग्रह के अनुसार बताए गए नियमों का पालन करते हुए उसे धारण करने पर पूर्ण परिणाम प्राप्त होते हैं।

जाने रत्न धारण करने के नियम

  1. बताया गया है कि किसी भी रत्न को धारण करते समय अपने इष्ट देवता का अवश्य ध्यान करें। विधान के अनुसार किसी भी रत्न को बनवाकर अगर हम धारण करना चाहते हैं तो सबसे पहले उसे इष्ट देव को अवश्य स्पर्स करवाएं। साथ ही कुछ देर बैठकर शांत मन से ईश्वर की आराधना करें।
  2. रत्न धारण करने के लिए यह भी बताया गया है कि अगर हमें रत्नों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो किसी न किसी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें। साथ ही ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाएं। इसके पश्चात उनकी सलाह पर रत्न धारण करें।
  3. रत्न शास्त्र में कहा गया है कि हमें बार-बार रत्न बदल बदल कर धारण नहीं करना चाहिए। इससे रत्न का प्रभाव होने के पूर्व ही हम बदल देते हैं तो रत्न का अपमान माना जाता है। रत्न को कम से कम 6 महीने तक अवश्य धारण किए रहना चाहिए। इससे सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
  4. रत्न शास्त्र में बताया गया है कि खंडित और टूटा हुआ रत्न धारण करने पर वह विपरीत प्रभाव देने लगता है। ऐसे में आवश्यक है कि रत्न के खंडित होते ही उसे उतारकर रख दें।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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