सीधी

ये हैं दुनिया के खुशनसीब पिता, बेटा सीधी के SP तो बहू रीवा की कलेक्टर, पढ़ें सफलता की कहानी...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:54 AM GMT
ये हैं दुनिया के खुशनसीब पिता, बेटा सीधी के SP तो बहू रीवा की कलेक्टर, पढ़ें सफलता की कहानी...
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रीवा/सतना/सीधी। रीवा, सतना और सीधी खास हैं। वजह, सतना शहर के डॉ. अरुण नायक हैं। जिनका बेटा तरुण नायक सीधी एसपी है तो बहू प्रीति मैथिल नायक रीवा कलेक्टर। डॉ. अरुण सतना में करीब 30 साल से सेवा दे रहे हैं। वे अपने संघर्ष की कहानी पिता एसएस नायक से शुरू करते हैं। बताते हैं कि पिता चाहते थे कि मैं सिविल सर्विसेज ज्वॉइन करूं। लेकिन, मेरी इच्छा डॉक्टर बनने की थी। लिहाजा इस प्रोफेशन में आ गया। पिता को यह बात कभी भी अच्छी नहीं लगी। बाद में अहसास हुआ, तब कुछ नहीं किया जा सकता था। फिर निर्णय लिया कि बेटे के माध्यम से पिता की इच्छा पूरी करूंगा।

बेटे तरुण को मार्गदर्शन देना शुरू किया। उसे सफलता मिली और 2009 में आइपीएस के रूप में चयनित हुआ। डॉ. अरुण नायक ने बताया कि उनका परिवार मूलत: करेली (नरसिंहपुर) निवासी है। शुरुआती दौर में परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी। पिता एसएस नायक और बड़े पिता डॉ. केएन नायक ने नागपुर की लक्ष्मी टॉकीज में टिकट तक बेचा है। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर गुजारा करते थे। पहनने के लिए महज तीन जोड़ी कपड़े हुआ करते थे।

अन्य बच्चों भी सफल डॉक्टर नायक के दो बेटे और एक बेटी है। दोनों सफलता की ओर लगातार बढ़ रहे हैं। वे बताते हैं कि दूसरा बेटे अमित ने आईआईटी कानपुर से टॉप किया। दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट है। बेटी कोमल आईएलएस पूना से एलएलएम की पढ़ाई पूरी कर नेट की तैयारी कर रही है।

पहले बड़े पिता बने डॉक्टर इन्हीं संघर्षों के बीच बड़े पिता डॉ. केएन नायक ने 1948 में पीएमटी एग्जाम दिया। उन्हें (तब मप्र का गठन नहीं हुआ था) मध्य भारत में प्रथम स्थान मिला। तब बॉम्बे के केईएम कॉलेज से एमबीबीएस प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। बाद में बिरला हॉस्पिटल में भी सेवाएं दी। इसी दौरान उन्होंने पिताजी को स्टेशन रोड पर दवा की दुकान खुलवाई। उसके सहारे परिवार का गुजर-बसर होने लगा। बड़े पिता को देख मेरे मन में डॉक्टर बनने की इच्छा हुई।

पिता का परिवार के प्रति समर्पण जरूरी डॉ. नायक कहते हैं कि मां का स्थान जीवन में कोई भी नहीं ले सकता। लेकिन पिता का परिवार के प्रति समर्पण होना चाहिए। पिता के समर्पण को देखकर ही बच्चों में आगे बढऩे की ललक और इच्छाएं पैदा होती हैं। यह बात समझनी होगी कि टीन शेड हर व्यक्ति को हवा, धूप व पानी से बचाता है। लेकिन, लोग कहते हैं कि गर्म बहुत करता है। पिता की स्थिति कुछ ऐसी ही है।

Aaryan Dwivedi

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