सीधी

विंध्य के इन कलेक्टर ने पेश की मिसाल, अस्पताल में नहीं थी जगह, 100 बच्चों को अपने बंगले पर रुकवाया

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:08 AM GMT
विंध्य के इन कलेक्टर ने पेश की मिसाल, अस्पताल में नहीं थी जगह, 100 बच्चों को अपने बंगले पर रुकवाया
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सीधी। दस्तक अभियान में बुधवार को सिहावल क्षेत्र से खून की कमी वाले (एनीमिक) सौ से अधिक बच्चे जिला अस्पताल आ गए। अस्पताल में जगह कम पड़ गई, बच्चों का इलाज कैसे होगा, उन्हें कहां रुकवाया जाएगा, इसे लेकर सवाल खड़े हो गए। तब कलेक्टर अभिषेक सिंह बच्चों को अपने बंगले ले गए। यहां पर बच्चों और उनके परिजनों को ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई।

इस दरियादिली पर सीएम कमलनाथ ने भी ट्वीट करके सीधी कलेक्टर को बधाई दी है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, "सीधी में दस्तक अभियान के तहत बड़ी संख्या में इलाज कराने आये एनीमिक बच्चों और उनके परिजनों को ज़िला अस्पताल में जगह कम पढ़ने से अपने बंगले पर ले जाकर ठहराना और उनके खाने-पीने का इंतजाम करना वाकई काबिलेतारीफ है।"

दस्तक अभियान में अब तक जिले में 830 बच्चे एनीमिक के मिले हैं। कलेक्टर की पहल पर पांच सौ से अधिक बच्चों को जिला अस्पताल में खून चढ़ाया (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) जा चुका है। गुरुवार को सौ से अधिक बच्चों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाएगा। कलेक्टर की इस पहल से गांव से आए बच्चों के परिजन बेहद खुश हैं। कलेक्टर सिंह ने कहा कि प्रत्येक गंभीर एनीमिक बच्चे का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाएगा। प्रत्येक गंभीर एनीमिक बच्चे को जिला अस्पताल लाने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन करने, रुकने, भोजन तथा वापस घर पहुंचाने की व्यवस्था की है।

अब तक 632 बच्चे जिला अस्पताल लाए गए अब तक जिले में 632 बच्चे जिला अस्पताल लाए गए हैं। जिसमें से सौ बच्चों को कलेक्टर बंगले में रखा गया है। 112 बच्चे मानस भवन, 27 बच्चे नर्सिंग होम, 07 बच्चे सिटी अस्पताल और शेष बच्चों को जिला अस्पातल में रखा गया है। जिन बच्चों का स्वास्थ्य ठीक हो रहा है उन्हें रिलीव किया गया है।

5 दिन में 250 ने किया रक्तदान कलेक्टर सिंह की अपील का जिले में व्यापक असर हुआ है और उनकी अपील के बाद अधिकारी-कर्मचारी, स्वयंसेवी संगठनों, व्यवसाई, समाजसेवी, युवा सभी वर्ग के लोग आगे आकर रक्तदान कर रहे हैं, जिससे नौनिहालों की जान को किसी तरह का खतरा न रहे। बुधवार को 40 व्यक्तियों ने जिले में रक्तदान किया है। पिछले 5 दिन में 250 से अधिक व्यक्तियों ने रक्तदान कर दस्तक अभियान में अपनी सहभागिता की है।

दो दिन के अंदर आठ सौ से अधिक एनीमिक बच्चे आए हैं। ब्लड ट्रांसफयूजन के बाद 25 से 30 बच्चे बचे हैं। बाकी बच्चों को जिला अस्पताल, निजी अस्पताल और मानस भवन में रखा गया है। बुधवार को सिहावल क्षेत्र से सौ से अधिक बच्चे आ गए, उन्हें रखने के लिए स्थान नहीं था। मैंने बंगले में रुकने की व्यवस्था की है। इलाज के बाद इन्हें घर वापस छोड़ा जाएगा। -अभिषेक सिंह, कलेक्टर

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