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रीवा और शहडोल संभाग की बैठक भाजपा दफ्तर में नहीं पहुंचे मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कोल, बढ़ी टेंशन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:13 AM GMT
रीवा और शहडोल संभाग की बैठक भाजपा दफ्तर में नहीं पहुंचे मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कोल, बढ़ी टेंशन
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भोपाल. बजट सत्र और राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा अपने विधायकों को एकजुट रखना चाहती है। भोपाल में प्रदेश दफ्तर पर संभागवार विधायकों की दो दिवसीय बैठक बुलाई गई है। दूसरे दिन मंगलवार को रीवा और शहडोल संभाग के विधायकों की बैठक हुई। मध्य प्रदेश में हॉर्स ट्रेडिंग के बाद गर्माई सियायत के बीच भाजपा के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी विधायक शरद कोल बैठक में नदारद रहे। ये दोनों विधायक जुलाई 2019 में विधानसभा में क्रॉस वोटिंग के दौरान भाजपा के खिलाफ मतदान कर चुके हैं। सोमवार को शरद कोल ने एक वीडियो जारी कर अपनी पार्टी की आलोचना की थी और कहा था कि भाजपा एक विशेष जाति के लोगों को तवज्जो दी जाती है।

दोनों विधायक बैठक में नहीं पहुंचे रीवा और शहडोल संभाग की बैठक भाजपा दफ्तर में मंगलवार को शुरू हुई, लेकिन रीवा संभाग के नारायण त्रिपाठी और शहडोल संभाग के शरद कोल बैठक में नदारद रहे। बैठक और उसके बाहर जब इसकी चर्चा होने लगी तो भाजपा ने सफाई दी कि पूर्व में ही दोनों विधायकों ने बैठक में नहीं आने की सूचना दे दी थी। दोनों ही विधायक हमारे साथ हैं।

कोल ने दिखाए बगावती तेवर भाजपा के ब्यौहारी विधायक शरद कोल ने सोमवार को वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि भाजपा में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों की उपेक्षा हो रही है। राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक किसी भी महत्वपूर्ण पद पर इस वर्ग के व्यक्ति को नहीं बैठाया गया है। कोल ने कमलनाथ सरकार की तारीफ भी की थी। भाजपा ने इस वीडियो की जांच की मांग की थी।

राज्यसभा चुनाव से पहले भाजपा की टेंशन दो विधायकों की अनुपस्थिति पर भाजपा भले ही खुलकर न बोल पा रही हो, लेकिन अंदरखाने में खलबली मची हुई है। मप्र में कुछ दिन बाद ही राज्यसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में एक-एक विधायक और वोट का काफी महत्व होता है। अगर ये दोनों विधायक वोटिंग के दौरान फिर से पाला बदलते हैं तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Aaryan Dwivedi

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