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...तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हो सकते हैं राजेन्द्र शुक्ला ?

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:02 AM GMT
...तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हो सकते हैं राजेन्द्र शुक्ला ?
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भोपाल/रीवा। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 का मतदान 28 नवंबर को होना है, जिसके परिणाम 11 दिसम्बर को आ जाएंगे। सरकार किसकी बननी है यह 11 दिसंबर को ही पता चलेगा।

बता दें स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते मोदी सरकार की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। वे 2014 में विदिशा से सांसद निर्वाचित हुई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनकी सीट छोड़ने के उपरांत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं। चूंकि सुषमा स्वराज भाजपा की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं एवं देश भर में काफी लोकप्रिय नेता हैं, इस वजह से उनके मना करने के बाद संगठन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं लोकप्रिय भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान को विदिशा सीट से आगामी लोकसभा चुनाव में उतारकर केन्द्र एवं केबिनेट में मजबूती तय करेगी।

यदि इस चुनावी परिणाम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार चौथी बार शपथ ग्रहण करती है तो इस दौरान सीएम का चेहरा शिवराज सिंह चौहान ही होंगे। इसके उपरांत उन्हे लोकसभा चुनाव 2019 में जीत मिलने के बाद अपना पद छोड़ना पड़ सकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के बाद संगठन प्रदेश के मुख्यमंत्री का चेहरा तय करेगी। जिसमें फिलहाल तीन नाम ही सामने दिख रहे हैं। मध्यप्रदेश के केबिनेट मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, केबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह। संगठन इन तीनों नामों में से एक पर मुहर लगा सकती है।

नरोत्तम मिश्र संघ के काफी करीबी माने जाते हैं, तो संगठन उन्हे सीएम पद की जिम्मेदारी दे सकती है। जबकि रीवा विधायक एवं मंत्री राजेन्द्र शुक्ल स्वच्छ छवि, विकास को तवज्जो देने वाले नेताओं में से एक हैं, जिन्हे संगठन सीएम बना सकता है। राजेन्द्र शुक्ल बड़े अंतरों से तीन पंचवर्षीय विधानसभा चुनाव जीतते आएं हैं, विन्ध्य समेत प्रदेश भर के सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। इनके अलावा महाकौशल के राकेश सिंह जो वतर्मान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष है, भी मजबूत दावेदारी पेश कर सकते हैं। फिलहाल संगठन विधानसभा चुनाव पर केन्द्रित है। संगठन ‘अबकी बार 200 पार’ के मिशन पर काम कर रही है।

प्रदेश में सर्वाधिक विकास कार्य राजेंद्र शुक्ल ने किए

बात रीवा विधानसभा की करें तो पिछले तीन पंचवर्षीय तक क्षेत्र के विकास की जो देन विधायक एवं मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के नाम हुई, वह पहले कभी किसी भी विन्ध्य के नेता की झोली में नहीं गई और न ही पहले किसी भी प्रदेश सरकार ने विन्ध्य की ओर ध्यान दिया। श्री शुक्ल का कहना है कि प्रदेश सरकार के साथ साथ केन्द्र सरकार ने भी रीवा के विकास के लिए बेझिझक सहायता की है। रीवा आज जो भी है राजेंद्र शुक्ला की ही देन है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। इस तरह से प्रदेश भर में सबसे अधिक विकास कार्य कराने वाले मंत्री एवं विधायकों में राजेन्द्र शुक्ल का नाम पहले नंबर पर आता है।

रीवा में सड़कों का जंजाल है, मीठे पानी, 24 घण्टे बिजली, स्वच्छता है। रानी तालाब का सौंदर्यीकरण, चिरहुला मंदिर तालाब, संजय अस्पताल में करोंड़ों के अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण, कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम, देश में रीवा को पहचान दिलाने वाला व्हाइट टाईगर सफारी अभ्यरण, बसामन मामा गौ-अभ्यारण केन्द्र, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, शहर के हर वार्डों में भूमिगत नाली, गुजरात के साबरमती नदी के तर्ज पर रीवा के बीहर नदी तट पर सौंदर्यीकरण योजना, विवेकानंद पार्क में ओपन जिम, ट्रैफिक को सुविधायुक्त बनाने के लिए फ्लाईओव्हर, समान तिराहे पर तीन तरफ का प्रस्तावित फ्लाईओव्हर, चोरहटा हवाई अड्डा का अत्याधुनीकीकरण, एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊजा प्लांट, रतहरा से सिलपरा तक रिंग रोड, जगह-जगह शुलभ कॉम्प्लेक्स जैसे तमाम जनहितैषी सार्वजनिक कार्यों को राजेन्द्र शुक्ल द्वारा अंजाम दिया गया, जो मप्र गठन के बाद किसी भी विधायक या मंत्री द्वारा नहीं कराया गया।

राजेन्द्र शुक्ल की पहल पर बाणसागर का पानी आज गांव-गांव, खेत-खेत पहुंच रहा है। उनके द्वारा शहर सौंदर्यीकरण से लेकर शिक्षा की दिशा में भी अनेकों कार्य किए गए। जिनमें माखन लाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय, पॉलिटेकनिक कॉलेज के अलावा सैकड़ों स्कूलों का उन्नयन भी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के द्वारा कराया गया है। इस बार श्री शुक्ल विकास के इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के सामने हैं।

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