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ट्रम्प ने भारत पर फिर एक्सट्रा टैरिफ लगाने की चेतावनी दी: कहा- भारत सस्ता चावल भेज रहा, इससे अमेरिकी किसानों को घाटा

ट्रम्प ने भारत पर फिर एक्सट्रा टैरिफ लगाने की चेतावनी दी: कहा- भारत सस्ता चावल भेज रहा, इससे अमेरिकी किसानों को घाटा
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आने वाली खाद पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं। इससे अमेरिकी किसानों, भारतीय किसानों और वैश्विक बाजार पर बड़ा असर पड़ सकता है।

मुख्य बातें (Top Highlights)

  • अमेरिका भारत के चावल पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है।
  • ट्रम्प बोले- भारत, वियतनाम और थाईलैंड सस्ता चावल बेच रहे हैं, जिससे अमेरिकी किसानों को नुकसान।
  • कनाडा से आने वाली खाद (Fertilizer) पर भी भारी टैरिफ लगाने के संकेत।
  • टैरिफ बढ़ा तो भारतीय किसानों, निर्यातकों और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा।

अमेरिका भारत के चावल पर Extra Tariff लगाने पर विचार कर रहा है | US May Impose Extra Tariff on Indian Rice Latest Update

अमेरिका और भारत के बीच व्यापार से जुड़ी खींचतान एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को संकेत दिया कि अमेरिका भारत से आने वाले चावल पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। उनका कहना है कि कुछ देशों से आने वाला सस्ता सामान स्थानीय किसानों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। इसी मुद्दे पर व्हाइट हाउस में किसानों के लिए नई आर्थिक सहायता की घोषणा के दौरान उन्होंने बड़ी टिप्पणी की।

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ट्रम्प ने कहा कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देश अमेरिका में बहुत कम कीमत पर चावल बेच रहे हैं, जिसे उन्होंने सीधे-सीधे “डंपिंग” बताया। उनके मुताबिक, विदेशी चावल की यह सस्ती कीमत अमेरिकी किसानों की आमदनी कम कर रही है। ट्रम्प ने यह भी पूछा कि क्या भारत को चावल निर्यात पर कोई खास छूट मिली हुई है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है।

कनाडाई खाद पर भी कड़ा Import Tariff लगने के संकेत

ट्रम्प ने चावल के साथ-साथ कनाडा से आने वाली फर्टिलाइज़र सप्लाई पर भी कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए। अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली पोटाश (Potash) की सबसे बड़ी सप्लाई कनाडा से आती है। अब तक यह व्यापार समझौते के कारण सुरक्षित थी, लेकिन अब ट्रम्प ने कहा है कि यदि जरूरत पड़ी, तो कनाडाई खाद पर भी भारी टैरिफ लगाया जा सकता है।

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अमेरिका में बढ़ती महंगाई और उत्पादन लागत के कारण किसान सरकार पर दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि विदेशी सस्ते उत्पादों की वजह से बाजार असंतुलित हो रहा है। यदि खाद (Fertilizer) पर नया टैरिफ लगता है तो इसका सीधा असर किसानों की जेब पर पड़ेगा और खेती की लागत बढ़ सकती है

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डंपिंग का मतलब यह है कि कोई देश अपनी चीजें दूसरे देश में बहुत कम दाम पर बेचता है। कीमत इतनी कम होती है कि स्थानीय कंपनियां उस स्तर पर मुकाबला नहीं कर पातीं। इससे स्थानीय बाज़ार विदेशी सस्ते उत्पादों से भर जाता है और घरेलू कंपनियों का कारोबार प्रभावित होता है। ट्रम्प का दावा है कि भारत से आने वाला सस्ता चावल इसी कैटेगरी में आता है।

भारत-अमेरिका Rice Trade पर कैसा असर पड़ेगा? | Possible Impact on India-US Rice Trade

अगर अमेरिका भारतीय चावल पर एक्स्ट्रा टैरिफ लागू करता है, तो भारत से अमेरिका जाने वाला चावल काफी महंगा हो जाएगा। इसका असर दो तरफ पड़ेगा—
✔ अमेरिका में भारतीय चावल खरीदने वाले उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ
✔ भारतीय किसानों और एक्सपोर्टर्स की कमाई में कमी क्योंकि महंगा चावल खरीदने वाली आबादी कम हो सकती है।

भारत दुनिया का 40% चावल एक्सपोर्ट क्यों करता है? | Why India Leads Global Rice Export

भारत दुनिया का सबसे बड़ा Rice Exporter है। अपने बड़े उत्पादन और किफायती रेट्स की वजह से भारत कुल वैश्विक चावल निर्यात का लगभग 40% हिस्सा अकेले पूरा करता है। 2022-23 में भारत ने करीब 15 मिलियन टन चावल एक्सपोर्ट किया। भारत बासमती और नॉन-बासमती दोनों तरह का चावल निर्यात करता है। पश्चिम अफ्रीका, सऊदी अरब, ईरान और इराक इसके सबसे बड़े खरीदार हैं।

US को भारत कितना चावल भेजता है? | India’s Rice Export to the US

वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वर्ष 2023 में अमेरिका को लगभग 2.81 लाख टन चावल भेजा था। भले ही यह मात्रा भारत के कुल निर्यात का बड़ा हिस्सा नहीं है, लेकिन अमेरिकी बाजार से जुड़े किसान और व्यापारी इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं।

Trump पहले ही India पर 50% Tariff लगा चुके हैं

ट्रम्प अपनी America First Policy के तहत कई विदेशी उत्पादों पर पहले भी भारी टैरिफ लगा चुके हैं। भारत पर कुल 50% तक टैरिफ पहले ही लगाया जा चुका है, जिसमें 25% टैरिफ रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया था। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि चावल निर्यात पर प्रस्तावित टैरिफ भारतीय चावल इंडस्ट्री को बड़े स्तर पर नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन जिन व्यापारियों का सीधा कनेक्शन अमेरिका से है, उन्हें नए बाजार खोजने पड़ सकते हैं।



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FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या अमेरिका सच में भारत के चावल पर Extra Tariff लगाने जा रहा है?

ट्रम्प ने संकेत दिए हैं कि अगर आवश्यक हुआ तो भारत से आने वाले चावल पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।

इससे भारतीय किसानों पर क्या असर पड़ेगा?

महंगा निर्यात होने के कारण अमेरिकी बाजार में मांग कम हो सकती है, जिससे कुछ किसानों और एक्सपोर्टर्स की आय प्रभावित हो सकती है।

क्या अमेरिकी किसानों को नुकसान हो रहा है?

अमेरिकी किसान सस्ते विदेशी चावल और सस्ती खाद की वजह से स्थानीय बाजार में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं।

कनाडा की खाद पर टैरिफ क्यों लगाने की बात हो रही है?

ट्रम्प का कहना है कि बहुत सस्ती खाद आने से अमेरिकी किसान कमजोर पड़ सकते हैं, इसलिए वे कड़े टैरिफ पर विचार कर रहे हैं।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा Rice Exporter क्यों है?

किफायती उत्पादन, लगातार बढ़ती मांग और बड़े पैमाने पर उत्पादन की वजह से भारत ग्लोबल राइस मार्केट में सबसे आगे है।

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