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कोरोना काल में उड़ गये भरतीय मुद्रा नोट के रंग, पढ़िए पूरी खबर

कोरोना काल में उड़ गये भरतीय मुद्रा नोट के रंग, पढ़िए पूरी खबर
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नई दिल्ली / New Delhi: कोरोना काल में संक्रमण की चपेट में आने से आदमी क्या भारतीय मुद्रा यानि कि नोटों के भी रंग उड़ गये। कोरोना की चपेट में आने से देश के लाखों लोगों की मौत हो गई।

नई दिल्ली / New Delhi: कोरोना काल में संक्रमण की चपेट में आने से आदमी क्या भारतीय मुद्रा यानि कि नोटों के भी रंग उड़ गये। कोरोना की चपेट में आने से देश के लाखों लोगों की मौत हो गई।

वहीं रिकवर होने के बाद आई कमजोरी में अच्छे खासे हिष्ट पुष्ट लोगों के चेहरे का रंग उड़ गया। वही नोटों के भी रंग उडे हुए हैं।

नोटों के उड़ गये रंग

देश की मोदी सरकार ने नोटबंदी की। कई नोटों को बदल दिया गया। उनकी जगह पर करारे नये रंग के नोटों को चलन में लाया गया।

लेकिन कोरोना काल में अगर बात देश की मुद्रा यानि कि नोटो की करें तो उसके भी रंग उड़ गये। नोटो के कलर उड़ जाने से भारतीय रिजर्व बैंक चिंतित है।

नोटों के रंग उडने का कारण

देश में कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर की अपेक्षा अत्याधिक घातक रही। लोग अपने और अपने परिवार के प्राणों की रक्षा करने हर सम्भव प्रयास में जुट गये। कोरोना वायरस हमारे घर तक न पहुंचे इसके लिए हर एहतियात बरतने लगे।

इस एहतियात में कोई भी सामान खरीदने के बाद वापस मिलने वाले पैसे को लोगों अच्छी तर सेनेटाइज किया। नोटों के साथ ऐसा लेने तथा देने वाले दोंनो पछ के लोगों ने किया। वहीं कई नोटो को साबुन से धोया तक गया। ऐसे में नोटों के रंग धीरे-धीरे कर उड़ने लगे।

डिस्पोज करने पड़े 45.48 करोड नोटो

नोट के रंग उड़ने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि कोरोना काल में जितने नोट खराब हुए, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2,000 रुपए के सिर्फ छह लाख नोट डिस्पोज किए गए थे, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 45.48 करोड़ डिस्पोज करने पड़े।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

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