
NEET और JEE फिर हो सकते हैं पेन–पेपर मोड में, संसदीय समिति ने NTA को सौंपी सलाह

मुख्य बिंदु (Top Highlights)
- संसदीय स्टैंडिंग कमेटी ने NTA को NEET और JEE जैसी परीक्षाएँ पेन-पेपर मोड में आयोजित करने की सलाह दी।
- रिपोर्ट में कहा गया—NTA ऑनलाइन एग्जाम कराने में पूरी तरह सफल नहीं रही है।
- UPSC जैसे कई एग्जाम मॉडल आज भी ऑफलाइन मोड में बेहद सफल हैं।
- कमेटी की अध्यक्षता कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कर रहे हैं।
देश की प्रतिष्ठित परीक्षाएँ NEET और JEE एक बार फिर से पेन-एंड-पेपर मोड में कराई जा सकती हैं। इसके लिए संसद की एक महत्वपूर्ण समिति ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को औपचारिक रूप से सिफारिश की है। यह सुझाव एक ऐसी रिपोर्ट में सामने आया है जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह कर रहे हैं।
ऑनलाइन एग्जाम में NTA पूरी तरह सफल नहीं रही — रिपोर्ट
संसदीय समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा कि NTA द्वारा आयोजित कई ऑनलाइन परीक्षाओं में तकनीकी खामियाँ, सर्वर समस्या और गड़बड़ियों के मुद्दे सामने आए हैं। समिति के अनुसार, इन समस्याओं के कारण छात्रों को न सिर्फ मानसिक दबाव झेलना पड़ता है, बल्कि परीक्षा की पारदर्शिता पर भी सवाल उठते हैं। रिपोर्ट में लिखा गया—“NTA ऑनलाइन मोड में एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने में पूरी तरह सफल नहीं रही। ऐसे में ऑफलाइन मोड एक अधिक विश्वसनीय और पारदर्शी विकल्प हो सकता है।”
UPSC मॉडल को बताया सबसे सफल उदाहरण
समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया कि UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाएँ आज भी पेन-एंड-पेपर मोड में कराई जाती हैं, और इन्हें देश की सबसे सफल एवं भरोसेमंद परीक्षाओं में से एक माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, UPSC मॉडल की पारदर्शिता और तकनीकी जोखिमों से मुक्त संरचना NTA के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण हो सकती है।
क्या NEET और JEE सच में ऑफलाइन हो जाएंगे?
संसदीय समिति ने केवल सिफारिश की है, अंतिम निर्णय केंद्र सरकार और NTA को लेना है। यदि बदलाव लागू किया जाता है, तो देशभर के लाखों छात्रों के लिए यह बड़ा परिवर्तन होगा। ऑफलाइन मोड से तकनीकी त्रुटियों की समस्या कम होगी, लेकिन परीक्षा आयोजित करने की लागत और व्यवस्थाएँ बढ़ सकती हैं।
छात्रों और पैरेंट्स की राय मिली-जुली
कई छात्रों का मानना है कि ऑनलाइन परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियाँ पेपर बिगाड़ देती हैं, इसलिए ऑफलाइन मोड बेहतर रहेगा। दूसरी ओर कुछ छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन मोड आधुनिक और तेज है, इसलिए इसमें सुधार करके इसे जारी रखना चाहिए। पैरेंट्स भी चाहते हैं कि परीक्षाएँ ऐसी हों जिनमें बच्चों को तकनीकी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
FAQs – NEET & JEE Exam Mode Change
क्या NEET और JEE वापस पेन-पेपर मोड में होंगे?
फिलहाल यह समिति की सिफारिश है। अंतिम निर्णय सरकार और NTA लेगी।
कमेटी की अध्यक्षता कौन कर रहा है?
इस संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कर रहे हैं।
ऑनलाइन मोड में क्या समस्या है?
ऑनलाइन परीक्षाओं में तकनीकी खराबी, सर्वर समस्या और बार-बार होने वाली गड़बड़ियों की रिपोर्ट आई है।
UPSC मॉडल क्यों मजबूत माना गया?
UPSC आज भी ऑफलाइन मोड में परीक्षाएँ कराता है और इसे सबसे पारदर्शी, विश्वसनीय और त्रुटिहीन परीक्षा प्रणाली माना जाता है।
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