CM को पीएम का पैगाम: मिडिल क्लास कर रहा 'New India 2022' का इंतजार, इसे डट कर पूरा करें
नई दिल्ली: नीति आयोग की बैठक में रविवार (17 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आयोग के गवर्निंग काउंसिल का मंच ऐतिहासिक बदलाव ला सकता है. देश की विकास दर 7.7 प्रतिशत है, हमारे सामने चुनौती विकास दर को दोगुना करने की है. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार सभी तरह की सहायता देगी. जीएसटी की बेहतर शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों की आमदनी दोगुनी करना है, साथ ही पिछड़े जिलों का विकास करना, आयुष्मान भारत, मिशन इन्द्रधनुष, न्यूट्रिशन मिशन और महात्मा गांधी की 150वीं जन्मशती के कार्यक्रम की तैयारियां इस बैठक का एजेंडा हैं. उन्होंने कहा कि उज्ज्वला, सौभाग्य, उजाला, जनधन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और मिशन इंद्रधनुष जैसी योजनाओं के व्यापक फैलाव को लक्ष्य करना उद्देश्य है. 17 हजार गांवों में यह लक्ष्य पूरा हो चुका है.
मुख्यमंत्रियों को निभानी है बड़ी भूमिका आयोग की बैठक की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को राज्यों में नीति के पालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. उन्हें स्वच्छ भारत, डिजिटल ट्रांजेक्शन और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर सह-समूह और कमेटियां बनाकर नीति का पालन करवाना होगा. सह-समूह के विकास के लिए केंद्रीय मंत्रालयों ने पूरा फॉर्मेट तैयार किया है. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा को अपनाने के लिए व्यापक एप्रोच अपनानी होगी. पीएम ने कहा कि राज्यों को 11 लाख करोड़ रुपए केंद्र से मिल रहे हैं जो पिछली सरकार से 6 लाख करोड़ रुपए ज्यादा हैं.
मिडल क्लास को 2022 के न्यू इंडिया का इंतजार प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया 2022 के विजन का संकल्प देश का संकल्प बन गया है. पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत में 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण होगा. साथ ही 10 करोड़ परिवारों को हर साल 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा. पीएम ने 115 जिलों में मानव विकास के मानकों को बेहतर करने की ज़रूरत पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना, जनधन योजना और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएं लोगों के काफी काम आ रही हैं. उन्होंने इस मौके पर आर्थिक असंतुलन को दूर करने पर जोर दिया. नीति आयोग के शीर्ष निकाय परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए हैं.