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किसान आंदोलन: किसानों पर बीमारी का कहर, इलाज के लिए डाक्टर की शरण में, संगठन और सरकार चिंतित.....

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:40 AM GMT
किसान आंदोलन: किसानों पर बीमारी का कहर, इलाज के लिए डाक्टर की शरण में, संगठन और सरकार चिंतित.....
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किसानों का चल रहा आंदोलन थमने का नाम नही ले रहा है। वही बढ रही ठंड की वजह से धरने पर बैठे बुजुर्ग किसानो सर्दी, जुकाम, खांसी तथा कान में

किसान आंदोलन: किसानों पर बीमारी का कहर, इलाज के लिए डाक्टर की शरण में, संगठन और सरकार चिंतित…..

नई दिल्ली। किसानों का चल रहा आंदोलन थमने का नाम नही ले रहा है। वही बढ रही ठंड की वजह से धरने पर बैठे बुजुर्ग किसानो सर्दी, जुकाम, खांसी तथा कान में दर्द होने जैसी समस्या सामने आ रही है। दिनो दिन बढ़ रही बीमारी से किसान संगठन और सरकार दोनो चिंतित है। वही सबसे राहत की खबर यह है कि किसान धरान स्थल पर ही परहेज और डाक्टर के सलाह का पूरा पालन कर ठीक हो रहे हैं।

किसान आंदोलन: किसानों पर बीमारी का कहर, इलाज के लिए डाक्टर की शरण में, संगठन और सरकार चिंतित.....

इसके बाद भी किसान आंदोलन में डटे हुए हैं। सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बैठक बेनतीजा रही। कोई भी हल नही निकल सका। वही सोमवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया और पूरे देश में बंद का असर भी कुछ हद तक दिखा।

टिकरी बॉर्डर पर 50 प्रतिशत बीमार

सर्द मौसम में धीरे-धीरे ठंड बढने लगी है। सर्दी के बढते प्रकोप की वजह से बुजुर्ग किसानों में नजला, खांसी और जुकाम पकड़ रहा है। तो वही बड़ी संख्या में लोगों को कान दर्द की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी हालत को देखते हुए धरना स्थल पर मेडिकल सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। धराना में शामिल किसानों का इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि किसान आंदोलन शुरू होने से लेकर अबतक यहां पर सैकडों की तादात में किसानों का इलाज किया जा चुका है। सभी को ठीक भी किया जा रहा है। पचास प्रतिशत लोग इन बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। सर्वाधिक संख्या बुजुर्गों की है। रोजाना सैकड़ो मरीजों का इलाज कर उन्हें आयुर्वेदिक दवाइयां दे रहे हैं।

बीमारी बढ़ने का कारण

द्वारका में तैनात आयुर्वेदिक के डॉक्टर इंदरजीत सिंह टीकरी बॉर्डर पर 27 नवम्बर से ही निःशुल्क इलाज के लिए सेंटर चला रह हैं। उनका कहना है कि ठंड और साफ पानी न होने से लोगों को नजला, खांसी, जुकाम की समस्या तेजी से हो रही है। वहीं शोर शराबे और नींद पूरी नहीं होने की वजह से बुजुर्गों को कान दर्द की समस्या हो रही है। चिकित्सक ने बताया जब से वह यहां है मरीजों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे का कारण पानी, दूषित हवा और सर्दी के मौसम में लग रही ठंड है।

आयुर्वेदिक दवाएं बहुत कारगर

डॉक्टर इंदरजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने नजला खांसी जुकाम के इलाज के लिए सरल एवं सहज आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग सबसे ज्यादा कारगर है। इसमें मुलेठी, अदरक, शहद, दालचीनी, बड़ी इलायची, सौंफ, फुदीने का चूर्ण व अर्क तैयार किया है जो लोगों के लिए खासा कारगर साबित हो रहा है। साथ-साथ मरीजों को बाजार से आयुर्वेदिक दवाइयां भी दिया जा रहा है। सबसे खुशी की बात तो यह है कि लोगों को राहत पहुंच रही है।

Aaryan Dwivedi

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