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Private Jobs में 75 फ़ीसदी Reservation देने जा रहा है यह राज्य, देश में पहली बार होगा ऐसा

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:23 AM GMT
Private Jobs में 75 फ़ीसदी Reservation देने जा रहा है यह राज्य, देश में पहली बार होगा ऐसा
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Private Jobs में 75 फ़ीसदी आरक्षण (Reservation) देने की योजना बना रहा है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा। कोरोना वायरस के चल

देश में पहली बार कोई राज्य Private Jobs में 75 फ़ीसदी आरक्षण (Reservation) देने की योजना बना रहा है। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में सभी हरियाणा वासी प्रदेश आ चुके हैं और सरकार ऐसे मौके को खोना नहीं चाहती। इसलिए प्रदेश के लोगों को प्रदेश में ही नौकरी मिल सके इसलिए Private Jobs में 75 फीसदी Reservation देने की योजना हरियाणा सरकार ने बनाई है।

बता दें हरियाणा में इस योजना पर पिछले 6 माह से मंथन चल रहा है लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बाद बदली परिस्थितियों ने सरकार की राह आसान कर दी है। सरकार का अनुमान है कि बड़ी संख्या में युवा अब देश के विभिन्न प्रदेशों से लौटकर हरियाणा आ गया है। ऐसे में प्राइवेट नौकरियों (Private Jobs) में युवाओं को आसानी से मौका दिया जा सकता है।

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हरियाणा विधानसभा चुनावों में किया था वादा

हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में प्राइवेट नौकरियों (Private Jobs) में युवाओं को आरक्षण (Reservation) देने का मुद्दा उठा था। भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल जन नायक पार्टी ने लोगों से वादा किया था। भाजपा ने तो अपने संकल्प पत्र में 90 फीसदी तक नौकरियां युवाओं को देने की बात कही थी। खुद मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर कई रैलियों में यह ऐलान कर चुके थे।

कंपनियां तैयार नहीं थीं, अब ऐसे बात बनी

हालांकि यह सब इतना आसान नहीं था। शुरू में सरकार की इस कवायद का विरोध भी हुआ। प्राइवेट कंपनियों का कहना था कि उन्हें कुशल श्रमिक चाहिए। बहरहाल, अब लॉकडाउन में घर लौटे श्रमिकों ने यह समस्या हल कर दी और सरकार ने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया है। खबर है कि मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर और दुष्यंत सिंह की जोड़ी ने इस कानून का मसौदा तैयार कर लिया है और अगस्त में होने वाले हरियाणा विधानसभा के सत्र में इसे पेश किया जाएगा।

50 हजार से कम की तनख्वाह वाले पदों पर लागू होगा नियम

ड्राफ्ट के मुताबिक, यह नियम उन नौकरियों पर लागू होगा जिनमें वेतन ₹50000 से कम है। सरकार ने साफ किया है कि इससे अधिक के वेतन वाली नौकरियों के मामले में वह कंपनियों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएगी।

सरकार की इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए कर्मचारी का हरियाणा का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है। सरकार जल्द ही अपने रोजगार पोर्टल पर यह सारी जानकारी लेकर आएगी। इस पोर्टल पर युवा आवेदन कर सकेंगे और कंपनियां उन्हें हायर कर सकेगी।

मसौदे की एक और अहम बात यह है कि पहले चरण में यह नियम 10 साल के लिए लागू होगा। दरअसल केंद्र सरकार ने एससी-बीसी जातियों को पहले 10 साल के लिए नौकरियों में आरक्षण (Reservation) दिया था। उसी तर्ज पर हरियाणा सरकार भी 10 साल के लिए आरक्षण (Reservation) लागू कर रही है। बाद में इसे और 10 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

हरियाणा के पलवल जिले में कौशल विकास विश्वविद्यालय है जहां युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है हर किसी योजना को महाधिवक्ता कार्यालय ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

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