राष्ट्रीय

दुनियाभर में चीन के प्रति नफरत, भारत के पास आर्थिक मौक़ा, फायदा उठाना चाहिए: गडकरी

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:20 AM GMT
दुनियाभर में चीन के प्रति नफरत, भारत के पास आर्थिक मौक़ा, फायदा उठाना चाहिए: गडकरी
x
गडकरी ने कहा है की कोरोना वायरस के जन्मदाता होने की वजह से दुनियाभर में चीन के प्रति नफरत व्याप्त है, इस वजह से भारत के पास आर्थिक मौक़ा है

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है. गडकरी ने कहा है की कोरोना वायरस के जन्मदाता होने की वजह से दुनियाभर में चीन के प्रति नफरत व्याप्त है, इस वजह से भारत के पास आर्थिक मौक़ा है, इसका फायदा भारत को उठाना चाहिए।

Sarkari Naukri : यहाँ निकली बम्पर Vacancy, सैलरी 70 हजार तक

गडकरी के अनुसार कोरोना संकट में दुनिया चीन को नफरत से देख रही है। भारत को इसे आर्थिक मौके में बदलकर विदेशी निवेश आकर्षित करने पर ध्यान देना चाहिए। गडकरी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छात्रों से बातचीत में ऐसा कहा।

गडकरी ने जापान का उदाहरण देकर कहा कि हमें भी ऐसा ही सोचना चाहिए और हम इस पर ध्यान भी देंगे। चीन से कारोबार समेट रही अपनी कंपनियों के लिए जापान ने आर्थिक पैकेज घोषित किया है।

कोरोना के बाद आर्थिक लड़ाई जीतने के लिए नीतियां बना रहे: गडकरी

गडकरी ने कहा कि विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए क्लीयरेंस और दूसरी सुविधाओं में तेजी लाई जाएगी। वित्त मंत्रालय समेत सभी विभाग और आरबीआई कोरोना के बाद की आर्थिक लड़ाई को जीतने के लिए नीतियां बना रहे हैं।

इससे देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा होगा। गडकरी ने कहा कि इसी दौरान हम 100 लाख करोड़ का इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार कर सकते हैं।

'चीन पर कार्रवाई का मुद्दा संवेदनशील'

गडकरी से पूछा गया कि अगर यह साबित होता है कि चीन ने कोरोना से जुड़ी जानकारी जानबूझकर छिपाई को क्या भारत कोई कार्रवाई कर सकता है? इस पर केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि यह विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री से जुड़ा संवेदनशील मामला है, इसलिए कमेंट करना सही नहीं होगा।

चीन के रवैए से ग्लोबल इकोनॉमी खतरे में: अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पिछले हफ्ते कहा था कि चीन ने कोरोनावायरस से जुड़ी जानकारी छिपाई, इससे अमेरिका समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों का चीन पर दबाव है।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story