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गाइडलाइन और क़ानून: लॉकडाउन तोड़ने पर होगी इतने साल की सजा और इतनी धाराएं

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:19 AM GMT
गाइडलाइन और क़ानून: लॉकडाउन तोड़ने पर होगी इतने साल की सजा और इतनी धाराएं
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गाइडलाइन और क़ानून: लॉकडाउन तोड़ने पर होगी अधिकतम दो साल की सजा और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराएं झूठी और भ्रामक खबर फैलाए जाने पर धारा 54 के
  1. गाइडलाइन और क़ानून: लॉकडाउन तोड़ने पर होगी अधिकतम दो साल की सजा और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराएं

  2. झूठी और भ्रामक खबर फैलाए जाने पर धारा 54 के तहत एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना हो सकता है

  3. घर के बाहर मास्क पहनना अनिवार्य, थूकने पर सजा और जुर्माना

  4. सरकारी अधिकारी/कर्मचारी के कर्त्तव्य पालन न करने पर 1 साल तक की सजा या जुर्माना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा के ठीक 24 घंटे बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन की नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें 3 मई तक 19 दिन बढ़ाए गए लॉकडाउन को तोड़ने पर क़ानून के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। इनमें आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। पढ़ें लॉकडाउन की गाइडलाइन एवं क़ानून के बारे में

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पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना देना होगा। गाइडलाइन में कानून तोड़ने वालों और अन्य लोगों के लिए जान-माल का खतरा पैदा करने की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 9 धाराओं के अनुसार एक्शन होगा। सरकारी कर्मचारियों पर आदेश न मानने की स्थिति में आईपीसी की धारा 188 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

आपदा प्रबंधन कानून के तहत लगने वाला दंड और जुर्माना

धारा 51 के तहत : कर्मचारियों के काम में बाधा डालने आदि के लिए

यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोकता या बाधा डालता है या केंद्र/राज्य सरकारों या सक्षम एजेंसी द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने से इनकार करता है तो उसे इस धारा के तहत सजा दी जा जाएगी।

उदाहरण के लिए, इस धारा के तहत, दिशानिर्देशों का कोई भी उल्लंघन, जिसमें पूजास्थल पर जाना, सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करना आदि शामिल हैं, सभी को इस धारा के तहत अपराध माना जाएगा। इस धारा के तहत, 1 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, यदि दोषी व्यक्ति के किसी काम से जानमाल का नुकसान होता है तो 2 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।

धारा 53 के तहत : धन/सामग्री का दुरुपयोग करने आदि के लिए

यदि कोई व्यक्ति राहत कार्यों/प्रयासों के लिए किसी भी पैसे या सामग्री का दुरुपयोग, अपने स्वयं के उपयोग के लिए करता है या उन्हें ब्लैक में बेचता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत 2 साल तक की सजा एवं जुर्माना हो सकता है।

धारा 54 के तहत: झूठी चेतावनी के लिए

यदि कोई व्यक्ति एक झूठा अलार्म या आपदा के बारे में चेतावनी देता है, या इसकी गंभीरता के बारे में झूठी चेतावनी देता है, जिससे घबराहट फैलती है तो इसके तहत एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।

धारा 55 के तहत: सरकारी विभागों के अपराध के लिए

इसके तहत यदि कोई अपराध सरकार के किसी विभाग द्वारा किया गया है तो वहां का विभाग प्रमुख दोषी माना जाएगा और जब तक कि वह यह साबित नहीं कर देता कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था, अपने विरुद्ध कार्रवाई किए जाने और दंड का भागी होगा।

धारा 56 के तहत: अधिकारी के कर्त्तव्य पालन न करने पर

यदि कोई सरकारी अधिकारी, जिसे लॉकडाउन से संबंधित कुछ कर्तव्यों को करने का निर्देश दिया गया है, और वह उन्हें करने से मना कर देता है, या बिना अनुमति के अपने कर्तव्यों को पूरा करने से पीछे हट जाता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत 1 साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।

धारा 57 के तहत: अपेक्षित आदेश का उल्लंघन होने पर

यदि कोई व्यक्ति इस तरह के अपेक्षित आदेश (धारा 65 के अधीन) का पालन करने में विफल रहता है, तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत 1 साल तक की सजा और जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।

अधिनियम की अन्य धाराएं (धारा 58, 59 और 60)

इस अधिनियम की धारा 58, कंपनियों के अपराध से सम्बंधित है। इसके अलावा, धारा 59 अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी (धारा 55 और धारा 56 के मामलों में) से सम्बंधित है, वहीं धारा 60 न्यायालयों द्वारा अपराधों के संज्ञान से सम्बंधित है।

सरकारी कर्मचारियों पर धारा 188 के अनुसार एक्शन

इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर ये धारा लगाई जा सकती है। यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो। सजा और जुर्माने के दो प्रावधान हैं

पहला - सरकार या किसी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं या आपसे कानून व्यवस्था में लगे व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों।

दूसरा - आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों। दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है।

पब्लिक प्लेस पर मास्क जरूरी

सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना जरूरी होगा। पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है। यदि ऐसा करने से किसी को जान का नुकसान हुआ तो 2 साल जेल हो सकती है। सभी जगहों पर सरकार के निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा।

शादी पर भीड़ जुटाई तो सजा हो सकती है

शादी या अंतिम संस्कार जैसे मौकों पर प्रशासन के निर्देशों का पालन करना होगा। अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। शराब, गुटखा और तंबाकू उत्पाद की बिक्री और इसे खाकर थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा। शादी में भीड़ जुटाई या धार्मिक आयोजन किए तो एक साल की सजा और यदि इन समारोहों में किसी की जान का नुकसान हुआ तो 2 साल की सजा हो सकती है।

फोर व्हीलर में सिर्फ दो लोग बैठ सकेंगे

इमरजेंसी सर्विस, मेडिकल और वेटेनरी केयर से जुड़ी या फिर जरूरी सामान लेने जाने के लिए प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन चार पहिया गाड़ी में ड्राइवर और बैक सीट पर एक व्यक्ति, जबकि टू व्हीलर में सिर्फ ड्राइवर को जाने की इजाजत रहेगी। नौकरी पर जाने और वहां से लौटने के दौरान वह गाड़ी का इस्तेमाल कर सकेंगे।

क्वारैंटाइन में रहने के नियम नहीं माने तो कार्रवाई होगी

जिन लोगों को मेडिकल अथॉरिटीज ने घरों या बाकी जगहों पर क्वारंटाइन में रहने को कहा है, वे कड़ाई से इसका पालन करेंगे। जो नहीं करेंगे, उन पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।

वर्क प्लेस को लेकर गाइडलाइन

  • सभी संस्थानों में कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी।
  • शिफ्ट बदलने के दौरान एक घंटे की गैप देना जरूरी होगा। लंच का समय भी अलग-अलग रखना होगा ताकि इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए।
  • घर में 65 साल से अधिक के बुजुर्ग या जिनके 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, ऐसे कर्मचारियों को घर के काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
  • निजी और सरकारी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा देना होगा।
  • संस्थान या ऑफिस में बड़े स्तर पर मीटिंग नहीं की जा सकेंगी। किसी भी संस्थान में 5 या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक रहेगी। लिफ्ट में एक वक्त में दो से ज्यादा लोगों को नहीं जाने दिया जाए।
  • मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लोगों के लिए बार-बार हाथ धोने की अनिवार्यता रहेगी और कॉमन एरिया की सफाई की जानी होगी। हाईजीन को लेकर इन्हें ट्रेनिंग भी देनी होगी।
  • सभी संस्थान शिफ्ट खत्म होने पर ऑफिस या परिसर को सैनिटाइजेशन कराएं। ऑफिस की बिल्डिंग, एंट्री गेट, कैफेटेरिया और केंटीन का सेनिटाइजेशन, कैबिन, कांफ्रेंस हॉल, वरांडा, लिफ्ट, वॉशरूम और इक्विपमेंट्स भी।
  • बाहर से आनेवाले कर्मचारियों और वर्कर के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यस्था की जाए और गाड़ी में कैपेसिटी से सिर्फ 30-40 प्रतिशत लोगों को बैठाया जाए।
  • सभी का मेडिकल इंश्योरेंस करना अनिवार्य होगा।
Aaryan Dwivedi

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