मौत के बाद भी बेटे ने संवार दिया लोगों का जीवन, सिद्धार्थ के परिजनों को सलाम
कोटा: बारां निवासी सिद्धार्थ सिंह को डॉक्टर ने ब्रेन डेड घोषित किया है. परिजनों ने ऑर्गन डोनेशन की इच्छा जताई है. अब सिद्धार्थ सिंह को जयपुर ले जाया जा रहा है. उसके लीवर, किडनी और हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया होगी. 38 वर्षीय सिद्धार्थ सिंह बारां जिले के जलवाड़ा के निवासी है. सिद्धार्थ 3 दिन पहले अपने घर पर ही गिरने से घायल हुए थे. परिजन इलाज के लिए उन्हें निजी अस्पताल लेकर पहुचे. सिर में गंभीर चोट लगने से डॉक्टरों ने सिद्धार्थ को आईसीयू में भर्ती किया. लेकिन मंगलवार को डॉक्टरों की टीम ने सिद्धार्थ को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. सिद्धार्थ के ब्रेन डेड घोषित करने के बाद परिजनों ने ऑर्गन डोनेशन की इच्छा जताई ताकि सिद्धार्थ जरूरमंद को जीवन दे सके.
लोगो को जागरूक होने की जरूरत बता दें कि सिद्धार्थ देश के नामी पायलटों में से एक कैप्टन विष्णु सिंह के भताजे थे. कैप्टन विष्णु सिंह की मानें तो पहले भी इन्हीं परिवार के छत्रसाल सिंह रावल ने जयपुर में और श्रीमती पद्मा रावल ने हिसार मेडिकल कॉलेज को अपना देह दान किया था. सिद्धार्थ सिंह इस दुनिया में नहीं रहे,पर उनके अंगदान से कुछ लोगों को जीवन जरूर मिल सकता है. ऐसे में लोगो को अंगदान के प्रति जागरूक होना चाहिए.
वहीं सिद्धार्थ के पिता श्याम सिंह का कहना है कि अंग दान से जहां जरूरतमंद लोगों को नया जीवन मिलेगा वहीं सिद्धार्थ भी किसी न किसी रुप में हमारे सामने रहेगा. सिद्धार्थ को वेंटिलेटर पर एम्बुलेंस के जरिए जयपुर ले जाया जा रहा है. जहाँ लीवर, किडनी और हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया होगी.
कोटा संभाग का पहला मामला ब्रेन डेड कमेटी कोटा के अध्यक्ष डॉ विजय सरदाना के मुताबिक ऑर्गन डोनेशन की इच्छा जताने का संभाग में यह पहला मामला है. कोटा में संसाधनों का अभाव है इस कारण मरीज को जयपुर शिफ्ट किया गया. उन्होंने कहा कि ऑर्गन डोनेशन,व देहदान के प्रति लोगो को जागरूक होना पड़ेगा ताकि जरूरतमंद को नया जीवन मिल सके.