मुझे बैंक धोखाधड़ी का पोस्टर बॉय बना दिया, PM मोदी और वित्त मंत्री जेटली को खत लिखा, जबाव नहीं मिला: माल्या
नई दिल्ली. 9 हजार करोड़ रुपए के लोन डिफॉल्ट मामले में विजय माल्या ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ी। माल्या ने कहा कि बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए मैंने हर मुमकिन कोशिश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली दोनों को खत लिखा, लेकिन दोनों की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। उसने कहा कि मुझे धोखाधड़ी का पोस्टर ब्वॉय बना दिया गया। माल्या फिलहाल लंदन में है और मुकदमों का सामना कर रहा है।
नेताओं और मीडिया ने मुझ पर इल्जाम लगाए- माल्या
माल्या ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को 15 अप्रैल 2016 को खत लिखे थे। उसने कहा, "मुझ पर मीडिया और नेताओं ने इस तरह इल्जाम लगाया, जैसे मैं 9 हजार करोड़ चुराकर भाग गया, जबकि ये कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था। कर्ज देने वाले कुछ बैंकों ने भी मुझ पर विलफुल डिफॉल्टर जैसा तमगा लगा दिया। मैं जनता के गुस्से की ज्वलंत वजह बन गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत मेरी और मेरे परिवार की संपत्ति अटैच कर दी, जिनका मूल्य करीब 13,900 करोड़ रुपए है।"
विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल
ईडी ने इस मामले में विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें कहा गया था कि बैंकों के कंसोर्टियम की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने माल्या और अन्य के खिलाफ 2005-06 में लिया गया कर्ज नहीं चुकाने की शिकायत की थी। इससे 6,027 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ।
2016 में भारत से भागा था माल्या
31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर ब्याज के बाद माल्या की कुल देनदारी 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है। माल्या 2016 में भारत से भाग गया था। तब उसने यह कहा था कि वह अपने बच्चों के पास जा रहा है। हालांकि, बाद में उसने भारत लौटने से इनकार कर दिया। भारत सरकार की ओर से जारी वारंट पर कार्रवाई करते हुए माल्या को पिछले साल 18 अप्रैल को लंदन में गिरफ्तार किया गया था।