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जिसकी लाठी उसकी भैंस ! 33 साल से जमीन जोत रहे किसान को बेदखल किया

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:57 AM GMT
जिसकी लाठी उसकी भैंस ! 33 साल से जमीन जोत रहे किसान को बेदखल किया
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डूंगरपुर: जिसकी लाठी उसकी भैंस. इस कहावत का मतलब समझना है तो राजस्थान के डूंगरपुर आइए. यहां सलमीन ने नाम के एक किसान सलीम की 40 बीघा जमीन छीन ली गई. सलीम का कहना है कि ये सब स्थानीय राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन के इशारे पर किया गया है. ये हाल तब है जब सलीम दो-दो जगह से ये केस जीत चुके हैं.

क्या है जमीन का इतिहास सलीम के मुताबिक डूंगरपुर के महाराजा लक्ष्मण सिंह ने अपने मुंशी अम्बालाल को ४० बीघा जमीन इनाम में दी थी. इसी जमीन को सलीम के फैमिली ने 1985 में खरीदा और अपने नाम रजिस्ट्री करा ली. पिछले 33 साल से सलीम का परिवार इस जमीन पर खेती कर रहा था. भूमि सीलिंग के दौरान सरकार ने जमीन को अपने कब्जे में ले लिया. किसी कारणवश सलीम का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो सका. सलीम ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 2001 में उसे जीत भी मिली. लेकिन इसके बाद डूंगरपुर तहसीलदार ने अजमेर राजस्व बोर्ड में अपील की. लेकिन वहां अपील खारिज कर दी गई. वर्तमान में भी मामला अजमेर राजस्व बोर्ड में विचाराधीन है. इसी बीच 2017 में मामले में एक ट्विस्ट आया. सलीम का आपोप है कि राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह ने एक कथित पुरानी वसीहत डूंगरपुर तहसीलदार को पेश की और उसके आधार पर डूंगरपुर तहसीलदार ने जनवरी 2018 में जमीन सांसद हर्षवर्धन के नाम कर दिया. सलीम के मुताबिक ये सरासर नाइंसाफी है कि क्योंकि अजमेर बोर्ड में केस पेंडिंग है और उसमें खुद तहसीलदार पार्टी है. ऐसे में जमीन सांसद के नाम नहीं करनी चाहिए थी. सलीम के मुताबिक सांसद ने जो वसीयत पेश की है वो फर्जी है.

जिला प्रशासन का क्या कहना है जब इस पूरे मामले पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट से पूछा गया तो उन्होंने इस केस की जानकारी होने से इंकार किया. राजेंद्र भट्ट ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है. साथ ही ये भी कहा है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आएगा, यथावत स्थिति बनाए रखी जाएगी.

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