मध्यप्रदेश के 80 हजार गैर जमानती वारंट अभी तक तामील नहीं हुए हैं। इन सभी के नाम मतदाता सूची से काटे जा सकते हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इसको लेकर सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। वहीं, मतदाताओं को मतदान केंद्र पहुंचने में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए बीएसएनएल से करार किया गया है। 51969 नंबर पर 'एमपी स्पेस मतदाता परिचय पत्र नंबर" लिखकर एसएमएस करने पर केंद्र का नाम, स्थान जानकारी मिल जाएगी।
इसके अलावा ईवीएम और वीवीपैट की जांच के दौरान अब आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि भी मौजूद रह सकते हैं। चुनाव आयोग ने पार्टी की मांग पर इसकी अनुमति दे दी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने मीडिया से चर्चा में बताया कि चुनावी तैयारियों को लेकर विभागों के साथ समीक्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। पिछले दिनों गृह विभाग के साथ बैठक हुई थी। इसमें बताया कि करीब 80 हजार गैर जमानती वारंट तामील नहीं हुए हैं। नियमानुसार छह माह में वारंट तामील हो जाना चाहिए। इसके मायने यह हुए कि संबंधित व्यक्ति वहां नहीं रहता है, इसलिए निर्वाचन नियमों के मुताबिक इनके नाम मतदाता सूची से हटाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
पहली बार सर्विस वोटर के लिए मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण होगा। इसके लिए सभी विभागों से सूची मांगी गई है। शहर में 1400 और ग्रामीण में 1200 के हिसाब से मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके कारण केंद्रों की संख्या 53 हजार से बढ़कर 65340 हो गई है। मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी हुआ है। 24 लाख नाम हटाए गए हैं और 11 लाख से ज्यादा नए नाम जोड़े गए है। इसकी वजह से मतदाता सूची में नाम का क्रम भी बदल गया है।
पचौरी ने कहा- कहां और किस विस में जोड़े नाम, जांच हो उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी, जेपी धनोपिया, प्रवीण कक्कड़ और शानू कुरैशी ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर मतदाता सूची का मुद्दा उठाया। पचौरी ने बताया कि 11 लाख से ज्यादा नाम जोड़े गए हैं। ये कहां और किस मंशा के साथ जोड़े गए, इसकी जांच होनी चाहिए। जिन अधिकारियोंकर्मचारियों को हटाया गया है, उनकी सूची दी जाए। पंचायत सचिव अब जिला कैडर घोषित कर दिया है, इनका तबादला किया जाए।कांग्रेस की शिकायत पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि नॉन एडिटेड पीडीएफ फार्मेट में मतदाता सूची दी है। चुनाव आयोग के नियम भी यही हैं।
31 अगस्त को भेजेंगे तबादलों पर रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग को 31 अगस्त तक तबादलों से संबंधित सर्टिफिकेट भेजा जाएगा। आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तीन साल से एक स्थान और गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों के साथ पिछले चुनाव के दौरान निर्वाचन ड्यूटी में लगे अमले का तबादला करने के निर्देश दिए थे।