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अब भारत नहीं रहा सबसे गरीब देश, हर मिनट 44 लोग गरीबी रेखा के बाहर आ रहे : रिपोर्ट

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:55 AM GMT
अब भारत नहीं रहा सबसे गरीब देश, हर मिनट 44 लोग गरीबी रेखा के बाहर आ रहे : रिपोर्ट
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नई दिल्ली : अमेरिकी शोध संस्था की ओर से भारत में गरीबी को लेकर जारी ताजा आंकड़े मोदी सरकार को सुकून देने वाले हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले कुछ साल में भारत में गरीबों की संख्या बेहद तेजी से घट रहे हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि भारत के ऊपर से सबसे ज्यादा गरीब देश होने का ठप्पा भी खत्म हो गया है. देश में हर मिनट 44 लोग गरीबी रेखा के ऊपर निकल रहे हैं. यह दुनिया में गरीबी घटने की सबसे तेज दर है. यह दावा अमेरिकी शोध संस्था ब्रूकिंग्स के ब्लॉग, फ्यूचर डेवलपमेंट में जारी रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार देश में 2022 तक 03 फीसदी से कम लोग ही गरीबी रेखा के नीचे होंगे. वहीं 2030 तक बेहद गरीबी में जीने वाले लोगों की संख्या देश मेें न के बराबर रहेगी.
सबसे अधिक गरीबी नाइजीरिया में
रिपोर्ट में बताया गया है कि फिलहाल दुनिया में सबसे अधिक गरीब लोगों की संख्या नाइजीरिया में है. वहीं गरीबी के लिहाज से भारत तीसरे स्थान पर है. मई 2018 के अंत तक नाइजीरिया में बेहद गरीब लोगों की संख्या लगभग 8.7 करोड़ रही, वहीं भारत में लगभग 7.3 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे दर्ज किए गए. नाइजीरिया में जहां हर मिनट लगभग छह लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जा रहे हैं वहीं भारत में गरीबी में लगातार कमी आ रही है.
रिपोर्ट के आंकड़ों पर सवाल
भारत में गरीबी में कमी को ले कर इस रिपोर्ट में प्रस्तुत आंकड़े भारत में दर्ज किए जाने वाले आंकड़ों से मेल नहीं खाते. इसका सबसे बड़ा कारण गरीबी को नापने के अलग - अलग पैमाने हैं. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2004 से 2011 के बीच भारत में गरीब लोगों की संख्या 38.9 फीसदी से घट कर 21.2 फीसदी रह गई. वर्ष 2011 में भारत में लोगों की क्रय क्षमता 1.9 डॉलर प्रति व्यक्ति के करीब रही. आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि देश में तेज आर्थिक विकास के चलते गरीबी घटी है. इस रिपोर्ट पर टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर में 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी' के प्रोफेसर एनआर भानुमूर्ति ने कहा कि, 1991 में आर्थिक सुधारों के लिए उठाए गए कदमों का असर साफ दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि देश में अत्यधिक गरीबी को 2030 तक खत्म करने के लिए स्थाई विकास लक्ष्यों को तय कर उन पर चुनौतीपूर्ण ढंग से काम करना होगा. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में देश में हुए आर्थिक विकासों पर नजर डालें तों 2030 तक अत्यधिक गरीबी को खत्म करने के लक्ष्य को आसानी से पाप्त किया जा सकता है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लीए हमें नियमित तौर पर 07 से 08 फीसदी की विकास दर बना कर रखनी होगी. संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रायोजित कई योजनाएं चलायी जा रही हैं, इनका उद्देश्य दुनिया में स्थाई विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर वैश्विक स्तर पर गरीबी को घटना है. रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस वर्षों में दक्षिण एशिया के देशों जैसे भारत,इंडोनेशिया,बांगलादेश,फिलिपींस, चीन और पाकिस्तान में लोगों की आय तेजी से बढ़ी है. इसके चलते दुनिया भर में गरीबी में कमी आयी है. वहीं वैश्विक स्तर पर गरीबी को कम करने में भारत व चीन की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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