सतना

सतना: जैतवारा में खाद कारोबारी की कृषि विभाग के एसएडीओ से मिलीभगत उजागर हुई, कलेक्टर के निर्देश पर पूरे जिले में हुआ स्टाक वैरीफिकेशन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:29 AM GMT
सतना: जैतवारा में खाद कारोबारी की कृषि विभाग के एसएडीओ से मिलीभगत उजागर हुई, कलेक्टर के निर्देश पर पूरे जिले में हुआ स्टाक वैरीफिकेशन
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सतना: जैतवारा में खाद कारोबारी की कृषि विभाग के एसएडीओ से मिलीभगत उजागर हुई, कलेक्टर के निर्देश पर पूरे जिले में हुआ स्टाक वैरीफिकेशन सतना

सतना: जैतवारा में खाद कारोबारी की कृषि विभाग के एसएडीओ से मिलीभगत उजागर हुई, कलेक्टर के निर्देश पर पूरे जिले में हुआ स्टाक वैरीफिकेशन

सतना (विपिन तिवारी) . इस वर्ष वारिस समय पर हुई है। किसानों ने समय पर बोनी कर दी थी। सब फसल में खाद देने का समय आ गया है। लेकिन समितियां में खाद किसानों को नही मिल रही है। जिले में खाद की कालाबाजारी की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को खाद विक्रेताओं के यहां स्टाक के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए। इस पर जिले भर में एसडीएम ने अपने अपने क्षेत्र में जांच की। सबसे चौंकाने वाला मामला जैतवारा में गोयल के यहां मिला।
जैतवारा में खाद दुकान के पास पहुंच कर जब एसडीएम ने कार्रवाई के लिये कृषि विभाग के एसएडीओ को मौके पर आने के लिए कहा, वैसे ही थोड़ी देर में इस दुकान के शटर गिर गए। इससे यह तो प्रमाणित हो गया कि खाद के खेल में कृषि विभाग का अमला भी सहभागी है। हालांकि बाद में एसडीएम ने घर से विक्रेता को तलब कर स्टाक मिलाया तो इसमें भारी अंतर पाया गया। इसी तरह रघुराजनगर तहसील में भी तीन खाद विक्रेताओं के यहां व्यापक अनियमितता पाई गई है।

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इस तरह पकड़ में आई मिलीभगत

मझगवां एसडीएम एचके धुर्वे सूचना के आधार पर जैतवारा स्थित खाद विक्रेता सुरेश गोयल के यहां पहुंचे। कलेक्टर के निर्देश पर यहां पहुंचने तक उन्होने कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित नहीं किया था। जब वे खाद विक्रेता की दुकान के सामने पहुंच गए तो उन्होंने एसएडीओ मझगवां को मौके पर आने कहा। लेकिन जैसे ही एसएडीओ को फोन करके फुरसत हुए उसके कुछ ही देर में पाया कि दुकान का शटर गिर गया और दुकानदार ताला बंद करके चला गया। यह देख एसडीएम का माथा ठनका।

घर से बुलवाकर खुलवाया ताला

आनन फानन में कर्मचारी भेज कर विक्रेता को घर से बुलाया गया और ताला खुलवाया गया। इसके बाद जब स्टाक की जांच की गई तो उसके स्टाक में 100 बोरी खाद दिखा रहा था लेकिन वैरीफिकेशन में यहां 600 बोरी यूरिया पाई गई। इस पर कालाबाजारी के स्पष्ट सबूत मिले हैं। जिसका प्रतिवेदन बना कर कलेक्टर को दिया जा रहा है। इस पूरे मामले में विक्रेता के साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत प्रमाणित हुई है।

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सतना मंडी स्थित इफकों में भी गड़बड़झाला

एसडीएम रघुराजनगर पीएस त्रिपाठी ने मंडी स्थित इफको बाजार में दबिश दी तो यहां काफी बड़े पैमाने पर गड़बड़झाला पाया। यहां पाया गया कि यहां किसानों के नाम पर बड़े पैमाने पर 40 से 50 बोरी के लगभग खाद दी गई है। जबकि इस सीजन में इतनी खाद लेने वाले किसान काफी कम होते हैं। ऐसे में पाया गया कि इसने गांव में या फुटकर बिक्री के लिये लोगों को खाद दी जो आगे ज्यादा दरों पर यूरिया बेचे हैं। एमपी एग्रो में भी जांच में पाया गया कि यहां वितरण तो सही तरीके से किया गया लेकिन कम्प्यूटराइज्ड बिल बोगस नाम से काटे गए हैं।

पवैया में किसान के नाम पर 400 बोरी

इसके बाद पवैया में जांच की गई तो यहां भी किसानों के नाम पर 50-60 बोरी से लेकर 400 बोरी तक वितरण दिखाया गया है। जिससे स्पष्ट है कि खाद को फुटकर बिक्री के लिए किसान के नाम पर दूसरे व्यापारियों को दिया गया। कोठी में सोनी ट्रेडर्स के यहां जांच में पाया गया कि यहां मैनुअल वितरण तो ठीक किया गया है। अर्थात किसानों को फुटकर दो तीन चार बोरी के बिल काटे गए हैं। लेकिन कम्प्यूटर में ऑनलाइन पूरी खाद अपनी बेटी को वितरित करना दिखा दिया है। इस तरह से यहां तीन दुकानों में खाद वितरण में अनियमितता मिली है। इनके प्रकरण बना कर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किये जाएंगे। इसी तरह से नागौद एसडीएम दिव्यांक सिंह ने जिगनहट स्थित खाद विक्रेता के यहां दबिश दी। लेकिन यहां गड़बड़ी नहीं मिली।
'' सभी एसडीएम को औचक निरीक्षण के लिए कहा गया है। कई स्थानों पर अनियमितता होना पाया गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होते ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। '' - अजय कटेसरिया, कलेक्टर

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