रीवा

'आपदा ही अवसर है' को गंभीरता से लेते हुए कोरोना के नाम पर करोड़ों डकार गया रीवा का CMHO, अब EOW खोल रही है पोल

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:29 AM GMT
आपदा ही अवसर है को गंभीरता से लेते हुए कोरोना के नाम पर करोड़ों डकार गया रीवा का CMHO, अब EOW खोल रही है पोल
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रीवा का एक पूर्व मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) भी निकला, जिसने कोरोना महामारी के बीच भ्रष्टाचार करने में कोई कोर कसार बाकी न छो EOW

रीवा. प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने 'आपदा को अवसर' का रूप देने की बात कही थी, जिसमें उन्होंने उन सभी कामों को शुरू करने के लिए कहा था जिस पर भारत दूसरों पर निर्भर न रहे और इस आपदा में अपना काम शुरू करने का अवसर खोजे. परन्तु देश के कुछ भ्रष्ट लोगों ने आपदा को भ्रष्टाचार का अवसर बना दिया. देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और ऐसे भ्रष्ट लोग उस महामारी में भी शासन एवं जनता को चूना लगाने से नहीं चूक रहें. ऐसा ही रीवा का एक पूर्व मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) भी निकला, जिसने कोरोना महामारी के बीच भ्रष्टाचार करने में कोई कोर कसार बाकी न छोड़ी. अब EOW एक एक करके इनकी पोल खोल रही है.

कोरोन काल में दवा, पीपीई किट एवं अन्य उपकरणों की खरीदी और भुगतान में CMHO एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा करोड़ों रूपये की अनियमितता के आरोपों की जांच करने शनिवार को EOW की टीम CMHO कार्यालय दोपहर 12.30 बजे पहुंची. EOW टीम के पहुंचते ही CMHO कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया. EOW की टीम में प्रमुख रूप से निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी, निरीक्षक सज्जन सिंह परिहार, उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा, आरक्षक घनश्याम त्रिपाठी, रामजी पाण्डेय, धनंजय अग्रिहोत्री एवं संतोष मिश्रा शामिल रहे.

ज्ञात हो कि कोरोना महामारी से निपटने दवा, पीपीई किट एवं अन्य उपकरणों की खरीदी के लिए शासन द्वारा करोड़ों रूपये का बजट दिया गया था, जिसमें CMHO एवं उनके अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा जमकर मनमानी की शिकायत की गई. इस मुद्दे को RewaRiyasat.Com ने प्रमुखता से उठाया था. इससे संबंधित दस्तावेजों को खंगालने के लिए EOW की टीम CMHO कार्यालय पहुंची और टीम के सदस्यों द्वारा उन फर्मों के भी दस्तावेज मांगे गए, जिनके खाते में जिम्मेदारों द्वारा करोड़ों रूपये भुगतान किया है.

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ज्ञात हो कि CMHO कार्यालय द्वारा ऐसी फर्मों को मनमानी तौर पर भुगतान किया गया है, जिन फर्मों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा तक नहीं लिया. वहीं कुछ ऐसी भी फर्में हैं जिनका न तो जीएसटी है और न कहीं कोई पता ठिकाना है.

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने स्थानीय फर्मांे जैसे श्यामा फार्मा रीवा और अनु फार्मा रीवा तथा एके इंटरप्राइजेज जबलपुर से औषधि एवं अन्य उपकरणों की खरीदी करोड़ों में की. वहीं पीपीई किट की खरीदी इलाहाबाद की वंदना एसोसियेट से मनमानी रेट पर की गई. इस राशि को राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दिया गया था.

कागजों में खरीदारी, कर दिया वेरीफाई : सूत्रों के मुताबिक औषधि, पीपीई किट एवं अन्य उपकरणों की खरीदी कागजों में की गई, वहीं कमीशन के चक्कर में जिम्मेदारों ने इसको वेरीफाई भी कर दिया.

शुक्रवार को पद से हटाया, शनिवार को EOW का छापा

सीएमएचओ डॉ आरएस पाण्डेय लगातार विवादों से घिरे रहे और लगातार उनकी मिल रही शिकायत को लेकर आखिरकार सरकार ने उन्हें हटा दिया और इन्हे जिला अस्पताल में पदस्थ कर दिया। डॉ आरएस पाण्डेय की कुर्सी छीनने के बाद डॉक्टर एमएल गुप्ता को प्रभारी CMHO बनाया गया है. साथ ही कल इन्हे पद से हटाया गया था और शनिवार को इनके कार्यालय में ईओडब्ल्यू ने छापा मारा है. ईओडब्ल्यू द्वारा लगातार कागजो की जांच शुरू है.

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