रीवा। स्टायफंड बढ़ाने की मांग को लेकर आज से आयुर्वेद जूडा भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। इस दौरान ओपीडी, आईपीडी एवं चिकित्सीय सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हो गई है।
जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह से ही आयुर्वेद जूडा अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। आयुर्वेद जूडा की यह हड़ताल प्रदेशव्यापी हड़ताल है। जूडा ने स्टायफंड बढ़ाने की मांग शिवराज सरकार से रखी है। जूडा का कहना है कि एलेपैथी और आयुर्वेद के स्पाइपेड में जमीन आसमान का अंतर है, जबकि कार्य दोनो का समान है।
बताया गया है कि इस संबंध में पूर्व में जिला प्रशासन को सूचित किया जा चुका है। जूडा ने बताया कि पिछले कई दिनों से जूडा की हड़ताल आंख में काली पट्टी बांधकर की जा रही है, परंतु इसका कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। लिहाजा उन्हे कार्य का बहिष्कार मजबूरन करना पड़ रहा है।
जूडा की प्रमुख मांगें
- एलोपैथी के स्नातकोत्तर छात्रों का स्टायफंड 2006 से 2018 के बीच चार बार बढ़ाया गया है, जो 14 हजार से 60 हजार तक पहुंच गया है, इसके ठीक विपरीत आयुर्वेद के स्नात्कोत्तर छात्रों का स्टायफंड वर्तमान में भी 21 से 23 हज़ार के बीच अटका हुआ है. जिसे एलोपैथी के समक्ष किया जाय.
- 2013 से 2018 के दौरान महाविद्यालयो के पाठ्यक्रमों की फीस 35000 से बढ़ाकर 1,40,000 रूपए कर दी गई है.
- हम इंटर्न छात्रों का मानदेय 5,600 रूपए है जबकि एलोपैथी छात्रों का 10 हजार तक.
- गृह चिकित्सक के रूप में पदस्थ आयुर्वेद छात्रों का स्टायफंड 14 हज़ार रूपए है, इसे बढ़ाकर एलोपैथी के RMO’s के बराबर किया जाय.
ओपीडी, आईपीडी एवं चिकित्सीय सेवाएं ठप्प
स्वशासी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में पदस्थ सैकड़ों जूनियर डॉक्टर शनिवार की सुबह से ही हड़ताल पर बैठ गए हैं, जिससे ओपीडी, आईपीडी एवं चिकित्सीय सेवाएं पूरी तरह से ठप्प हो गई है। इस दौरान जूडा ने “मामाजी हमारी मांगे पूरी करो”, “कदम पीछे नहीं हटाएंगे, अपना हक लेकर जाएंगे” के नारे भी लगाए। बताया गया है यह हड़ताल अनिश्चितकालीन है एवं मांगे पूरी न होने तक जारी रहेगी।