रीवा

जानिये किस मामले में मदद के लिये अमरीका से रीवा पहुंचे एक्सपर्ट

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:56 AM GMT
जानिये किस मामले में मदद के लिये अमरीका से रीवा पहुंचे एक्सपर्ट
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रीवा। सबकुछ योजना के तहत हुआ तो अगले दो साल में कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सेंट्रल पैथालॉजी की सेवाएं मरीजों को मयस्सर हो सकेंगी। यह सेंट्रल पैथालॉजी अमरीका के सहयोग से बनेगी। केंद्र सरकार ने यूएसए की एक एजेंसी से अनुबंध किया है। निर्माण के लिए कवायद शुरू हो गई है।

इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली से छह सदस्यीय टीम रीवा पहुंंची। टीम में एम्स दिल्ली के एक पैथालॉजिस्ट, एक आर्कीटेक सहित यूएसए की एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल रहे। इसके अलावा भोपाल से नोडल अधिकारी पैथालॉजी एवं एड्स नियंत्रण, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. प्रशांत मलैया भी रीवा पहुंचे। यहां प्रभारी सीएमएचओ व सिविल सर्जन डॉ. संजीव शुक्ला, जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ. बीएल मिश्रा और डीएचओ डॉ. प्रदीप शुक्ला के साथ टीम ने सेंट्रल पैथालॉजी स्थापित करने स्थान का निरीक्षण किया। जिला अस्पताल में पुराने नेत्र रोग वार्ड व ऑपरेशन थियेटर की बिल्डिंग को सेंट्रल पैथालॉजी के लिए निरीक्षण के उपरांत टीम ने फाइनल किया। नेत्र रोग वार्ड और ओटी को पहले ही नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा चुका है। जिससे यह स्थान खाली पड़ा है। सेंट्रल पैथालॉजी स्थापित करने के सभी मानकों की बारीकी से जांच करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम और यूएसए से आए एक्सपर्ट दोपहर 3 बजे वापस दिल्ली लौट गए। भोपाल से नोडल अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर डॉ. प्रशांत मलैया ने बताया कि संभागीय जिलों के जिला अस्पतालों में सेंट्रल पैथालॉजी स्थापित होनी है। केंद्र की इस योजना को अमलीजामा देने के लिए अमरीका की एजेंसी से अनुबंध हुआ है। जो पैथालॉजी की तकनीकी कार्य को कराएगी। जबकि निर्माण कार्य स्वास्थ्य विभाग कराएगा। उन्होंने बताया कि यूएसए से चार एक्सपर्ट में वांशिगठन और एटलांटा से थे। जिनमें एक बायोमेडिकल वेस्ट, एक पैथालॉजी, एक क्वालिटी एश्योरेंस और एक सिविल एक्सपर्ट शामिल था। सेंट्रल पैथालॉजी, नेशनल काउंसिल डीसीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत स्थापित की जाएगी।

तीन चरणों में होंगे कार्य सेंट्रल पैथालॉजी स्थापित करने के लिए तीन चरण में कार्य किए जाएंगे। प्रथम चरण में चिह्नित बिल्डिंग का जीर्णोद्वार होगा। यह कार्य फरवरी 2019 तक पूरा होगा। इसके बाद तकनीकी कार्य और उपकरणों की खरीदी की जाएगी। तीसरे चरण में डॉक्टरों और लैब टेक्नीशियनों की नियुक्तियां की जाएंगी। इस कार्य को दो साल की अवधि में पूरा करना है।

सभी जांचों की रहेगी सुविधा जिला अस्पताल में स्थापित होने जा रही सेंट्रल पैथालॉजी में सभी प्रकार की जांचों की उच्चस्तरीय सुविधा रहेगी। माइक्रोबायोलॉजी के डॉक्टर और 16 लैब टेक्नीशियन चौबीस घंटे जांच की सेवा में मौजूद रहेंगे। गंभीर बीमारियों के लिए सेंपल बाहर भेजने नहीं पड़ेंगे। ब्लड बैंक की सेवाएं भी बेहतर की जाएंगी।

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

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