मध्यप्रदेश

MP : कोरोना ने समझाया आक्सीजन का महत्व, हरा पेड़ काटने पर लगा 1 करोड़ 4 लाख का जुर्माना

MP : कोरोना ने समझाया आक्सीजन का महत्व, हरा पेड़ काटने पर लगा 1 करोड़ 4 लाख का जुर्माना
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रायसेन/ Raisen : मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में वन विभाग ने 2 हरे पेड़ काटने पर 1 करोड़ 4 लाख का जुर्माना लगया है। यह जुर्माना पेडों की आयु के आधार पर लगाया गया है। जैसे ही यह खबर शोसल मीडिया में चली वन विभाग की इस कार्रवाई की इस समय काफी सराहना भी हो रही है। एक ओर कोरोना काल चल रहा है लोग आक्सीजन के लिए परेशान हैं। हालत यह है कि देश की सरकार विदेशों से आक्सीजन ला रही है। पूरे देश में आक्सीनज के लिए हाहाकार मचा हुआ है।

रायसेन/ Raisen : मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में वन विभाग ने 2 हरे पेड़ काटने पर 1 करोड़ 4 लाख का जुर्माना लगया है। यह जुर्माना पेडों की आयु के आधार पर लगाया गया है। जैसे ही यह खबर शोसल मीडिया में चली वन विभाग की इस कार्रवाई की इस समय काफी सराहना भी हो रही है। एक ओर कोरोना काल चल रहा है लोग आक्सीजन के लिए परेशान हैं। हालत यह है कि देश की सरकार विदेशों से आक्सीजन ला रही है। पूरे देश में आक्सीनज के लिए हाहाकार मचा हुआ है।

पेड़ की आयु के आधार पर लगा जुर्माना

जानकारी के अनुसार रायसेन जिले के बम्होरी में दो पेड़ काटने पर आरोपी पर एक करोड़ चार लाख का जुर्माना लगाया गया है। उक्त जुर्माने का निर्धारण वन विभाग ने पेड़ों की आयु के आधार पर किया है। वन विभाग ने पेड़ों की अनुमानित आयु 50 वर्ष आकी है।

वन परिक्षेत्राधिकारी ने दिया तर्क

बम्हौरी वन परिक्षेत्राधिकारी महेन्द्र कुमार पलेचा ने डारेक्ट जनरल इंडियन कौंसिल ऑफ फारेस्ट ट्री रिसर्च एंड एजूकेशन के एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि एक पेड़ की उम्र 50 साल होती है।

बताया गया है कि अपने पूरे उम्र में एक पेड़ 11 लाख 97 हजार 500 रुपये का ऑक्सीजन, 23 हजार 68 हजार 400 रुपये वायु प्रदूषण नियंत्रण, 19 लाख 97 हजार 500 रुपये मूल्य की भू-क्षरण नियंत्रण व उर्वरता बढ़ाने में सहयोग तथा जल की रिसाइकिल करने में 4 लाख 37 हजार रुपये की मदद करता है। इन सभी को जोड़कर जुर्माना लगाया गया है।

सड़क के लिए कट रहें पेड़

अगर बात पेड़ कटने से होने वाले आक्सीजन के नुक्शान की हो रही है तो देश में पेडों को काटकर सड़के बंनाई जा रही है। इसमें जंगल तथा राजस्व भूमि प्रभावित होते हैं। देश में सड़कों के लिए पेड़ कटने के बाद नऐ पेड लगाने की जवावदारी संबंधित सडक निर्माता एजेंसी की होती है। लेकिन यह पूरी तरह विफल साबित हो रही हैं।

सैकडों वर्ष पूराने पुराने आम महुआ के पेडों को काट दिया जाता है। लेकिन उसके बादले में लगाने के नाम पर जलाउ पेडो का रोपण किया जाता है और वह भी तैयार नही हो पाते है। ऐसे में सरकारे केवल नियमों का हवाला और जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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