ग्वालियर

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन्हे दे दिया सबसे बड़ा तोहफा, जरूर पढ़िए

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:23 AM GMT
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन्हे दे दिया सबसे बड़ा तोहफा, जरूर पढ़िए
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन्हे दे दिया सबसे बड़ा तोहफा, जरूर पढ़िए ग्वालियर. कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन्हे दे दिया सबसे बड़ा तोहफा, जरूर पढ़िए

ग्वालियर. कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। एक तरफ जहां अभिवावकों पर स्कूल प्रबंधक फीस भरने का दबाव बना रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ देश की सबसे महंगी स्कूल में से एक दी सिंधिया स्कूल ने अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। सिंधिया स्कूल ने वार्षिक फीस में एक लाख रुपए तक की कटौती का निर्णय लिया है।

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सिंधिया स्कूल की फीस में एक लाख की कटौती कोरोना वायरस को देखते हुए ली गई है। सिंधिया एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अभिभावकों को एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने लेटर में लिखा- महामारी ने अर्थव्यवस्था पर काफी बड़ा बोझ डाल दिया है। अभिभावक पर आर्थिक बोझ करने की कोशिश में इस साल स्कूल की फीस कम करने की घोषणा की गई है। बता दें कि दी सिंधिया स्कूल की वार्षिक फीस सात लाख पचास हजार रुपए है। 1 लाख की कटौती किए जाने के बाद अब अभिभावकों को छह लाख पचास हजार रुपए फीस के रूप में देने पड़ेगे।
1897 में हुई थी स्थापना दी सिंधिया स्कूल की स्थापना 1897 में ग्वालियर फोर्ट के पास हुई थी। तत्कालीन महाराजा माधवराव सिंधिया ने इस स्कूल की स्थापना में सरदार स्कूल के नाम से की थी। कई दशकों तक राजाओं, सरदारों और जागरीदारों के बेटों को किशोरावस्था में ही अनुशासन और पाबंदी का जीवन इस स्कूल में व्यतीत करना सिखाया जाता रहा है।
बदल गया नाम साल 1933 में समिति ने यह निर्णय लिया कि विद्यालय को सार्वजनिक स्वरूप दिया जाए। तब इसका नाम सरदार स्कूल से बदलकर 'सिंधिया स्कूल' रखा गया। शहर में लगभग 300 फीट की ऊंचाई पर बसे ग्वालियर दुर्ग के ऐतिहासिक अवशेषों की देखरेख और मरम्मत के बाद उन्हें छात्रावास और विद्यालय परिसर का प्रारूप दिया गया।

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खेलने के लिए 22 मैदान ग्वालियर शहर के कोलाहल से दूर प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग पर यह स्कूल स्थिति है। स्कूल का भवन व होटल वास्तुकला के अनुपम उदाहरण हैं। कैंपस में छात्रों के खेलने के लिए 22 मैदान हैं। जिसमें क्रिकेट, लॉन टेनिस, स्वीमिंग पूल, हार्स राइडिंग, बॉक्सिंग से लेकर हर तरह के इंडोर गेम, ओपन थिएटर हैं।
छात्रों का अनुशासित जीवन दी सिंधिया स्कूल में छात्र आनुशासित जीवन जीते हैं। घंटी बजते ही बच्चे योग करने पहुंच जाते हैं। हॉस्टल में ही स्नान के बाद ड्रेस निरीक्षण और नाश्ता होता है। उसके बाद भजन और प्रार्थना के बाद पढ़ाई। पढ़ाई के बाद लंच और फिर स्टूडेंट्स स्कूल कैंपस में कुछ भी खेलते हैं। [signoff]
Aaryan Dwivedi

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