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रीवा: वन्दे मातरम गीत गाकर कांग्रेस भवन में हुआ ध्वजारोहण, पढ़िए पूरी खबर...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:45 AM GMT
रीवा: वन्दे मातरम गीत गाकर कांग्रेस भवन में हुआ ध्वजारोहण, पढ़िए पूरी खबर...
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रीवा: वन्दे मातरम गीत गाकर कांग्रेस भवन में हुआ ध्वजारोहण, पढ़िए पूरी खबर... रीवा : गणतंत्र दिवस पर्व पर कांग्रेस भवन एवं जिला शहर

रीवा: वन्दे मातरम गीत गाकर कांग्रेस भवन में हुआ ध्वजारोहण, पढ़िए पूरी खबर…

रीवा : गणतंत्र दिवस पर्व पर कांग्रेस भवन एवं जिला शहर कांग्रेस कार्यालय में ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम गीत एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छाया चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुआ तदुपरांत जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ला भगत एवं शहर अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू द्वारा ध्वजारोहण कर सामूहिक राष्ट्रगान किया गया।

उक्त अवसर पर संगठन के जिला अध्यक्ष द्वारा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी के संदेश का वाचन करते हुए कहा कि 7 दशक पूर्व 26 जनवरी 1950 को प्रातः 10:18 पर हमारा संविधान लागू हुआ था और भारत देश ने एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अपनी यात्रा प्रारंभ की थी और तब से निरंतर हम संविधान में निहित मूल्यों पर चलते हुए सतत आगे बढ़ रहे हैं.

आज भारत संपूर्ण विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इसका मूल भारतीय संविधान में नहीं थे संविधान ने देश को एकता के सूत्र में बांधने सबको समान अधिकार देने और नागरिकों को विधिवत एवं धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करने का कार्य किया है विविधता से परिपूर्ण हमारे देश मैं सभी नागरिकों को सावधानी के अधिकार उपलब्ध कराएं गए हैं .

आज देश के किसान भाई एक भारी चुनौती से गुजर रहे हैं हमारे देश के लाखों अन्नदाता भाई जो 70% भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है सड़कों पर खुले आसमान के नीचे गत 2 माह से से उस स्थान पर अपने जीवन यापन के लिए संघर्षरत हैं जहां से हमारे गणतंत्र की हमारी संप्रभुता की झांकियां हर साल गुजरती हैं देश में तीन काले कृष कानूनों को अलोकतांत्रिक और आसंसदीय रूप से संसद में पारित कराकर देश के अन्नदाता किसान भाइयों पर थोपा गया है.

देश के किसान भाइयों के हित में कांग्रेसी इन काले कानूनों का कड़ा विरोध करती है और इन्हें वापस लेने के लिए किसान भाइयों के साथ संघर्षरत है वक्त जरूर बदला है और इस बदलाव से बहुत सी चीजें बदल जाती हैं लेकिन याद रखिए इतिहास कभी नहीं बदलता।

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