भोपाल

देश में तेंदुए के मामले में अव्वल रहा मध्यप्रदेश, आंकड़े में 3421 मिले...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:42 AM GMT
देश में तेंदुए के मामले में अव्वल रहा मध्यप्रदेश, आंकड़े में 3421 मिले...
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देश में तेंदुए के मामले में अव्वल रहा मध्यप्रदेश, आंकड़े में 3421 मिले...भोपाल। मध्यप्रदेश बाघ और तेंदुए के मामले में देश में सिरमौर रहा है।

देश में तेंदुए के मामले में अव्वल रहा मध्यप्रदेश, आंकड़े में 3421 मिले…

भोपाल। मध्यप्रदेश बाघ और तेंदुए के मामले में देश में सिरमौर रहा है। परंतु दोनों वन्यजीवों के मौत के आंकड़े भी अधिक हैं। पिछले साल के आंकड़े पर नजर दौड़ाई जाय तो 48 तेदुओं की मौत हो चुकी है जिनमें 17 तेदुओं का शिकार हुआ है। जिनमें ज्यादातर मामलों में वन विभाग को सिर्फ सड़े-गले अवशेष ही मिले हैं। पिछले महीने जारी किये गये आंकड़े के अनुसार प्रदेश में 3421 तेदुए हैं।

बताया जाता है कि तेदुओं के मामले में मध्यप्रदेश हमेशा अव्वल रहा है। एक जानकारी अनुसार राष्टीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने वर्ष 2014 में पहली बार तेंदुों की गणना कराई गई। जहां मध्यप्रदेश में 1517 तेंदुए पाये गये थे। जो देश में सर्वाधिक थी। दूसरी बार गणना 2017 में कराई गई जिसमें 3421 तेंदुए पाये गये। चार साल के अंतराल में 1904 तेंदुए बढ़ गये। इस बीच तेंदुओं ने उन जिलों में आमद दर्ज करा दी जहां काफी समय से तेंदुए देखे नहीं गये थे। लेकिन दुखद बात यह है कि वन विभाग इनके संरक्षण की दिशा में गंभीर नहीं है।

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दुर्घटना में गई कई तेंदुओं की जान

तेंदुए दुर्घटना का शिकार भी होते रहते हैं। प्रदेश में 6 ऐसे मामले भी हैं जिनमें तेंदुओं की मौत सड़क और रेल दुर्घटना में हुई है। वहीं कुएं में गिरने, आपसी लड़ाई एवं बाघ के हमले में मौत सामने आ चुकी है। वहीं पिछले साल एक घटना सामने आई थी जब ग्रामीणों ने तेंदुए को पीट-पीटकर मार डाला था।

अब सवाल यह उठता है कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिये विभाग के कर्मचारी मुस्तैद हैं इसके बावजूद 17 तेंदुओं के शिकार होने की जानकारी सामने आई है। जहां फंदे, करंट और जहर देकर तेंदुओं का मारा गया है। वहीं कई ऐसे मामले में जिनमें तेंदुओं की मौत का कारण विभाग को ज्ञात नहीं है। तेंदुओं के जंगलों में अवशेष मिलने से अनुमान लगाया गया कि अज्ञात लोगों ने शिकार कर लिया है।

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