भोपाल

एमपी : 31 मंत्रियो वाली हुई शिवराज कैबिनेट,राज्यपाल ने दो मंत्रियों का दिलाई शपथ

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:42 AM GMT
एमपी : 31 मंत्रियो वाली हुई शिवराज कैबिनेट,राज्यपाल ने दो मंत्रियों का दिलाई शपथ
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भोपाल। रविवार दोपहर साढ़े 12 बजे शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। इसके साथ ही शिवराज कैबिनेट में कुल मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 31 हो गई है

एमपीः 31 मंत्रियो वाली हुई शिवराज कैबिनेट,राज्यपाल ने दो मंत्रियों का दिलाई शपथ

भोपाल। रविवार दोपहर साढ़े 12 बजे शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। इसके साथ ही शिवराज कैबिनेट में कुल मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 31 हो गई है. राज्य सरकार में कुल 35 मंत्रियों की जगह है. यानी कैबिनेट में 4 और मंत्री भविष्य में शामिल ​किए जा सकते हैं।

राजपाल ने दिलाई शपथ

मध्य-प्रदेश की कार्यकारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दो मंत्रियो को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे। शपथ लेने वाले मंत्रियों में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शामिल है।

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शिवराज कैबिनेट में सिंधिया का बड़ा कद

कैबिनेंट में सिंधिया का कद बढ़ गया है। उनके 11 समर्थक इस समय राज्य सरकार में मंत्री हैं। ज्ञात हो कि मार्च 2020 में सिंधिया के साथ तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। कुल 22 विधायकों ने कांग्रेस से बगावत की थी और कमलनाथ की सरकार गिर गई थी. बाद में ये सभी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे।

शिवराज सरकार में दूसरी बार बने मंत्री

चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश की बागडोर सम्हाली थी। गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को फिर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. लेकिन 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य न बन पाने की वजह से उन्हें उपचुनाव के ठीक पहने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. दोनों ने उपचुनाव में जीत दर्ज की और विधानसभा पहुंचे. अब एक बार फिर सिंधिया के इन दोनों विश्वासपात्रों को शिवराज सरकार में मंत्री पद से नवाजा गया है।

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तुलसी सिलावट की राजनीति

वह 1977 से 1979 तक इंदौर के शासकीय आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज तथा 1980-81 में देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे. 1982 में इंदौर में पार्षद बने. 1985 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता और उन्हें संसदीय सचिव की अहम जिम्मेदारी दी गई. 1995 में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने. इसके बाद 1998-2003 तक ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली. इस दौरान उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया. कांग्रेस ने 2007 के उपचुनाव में उन्हें फिर से टिकिट दिया और व​ह जीते, इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने सांवेर सीट से जीत की।

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गोविंद सिंह का सफर

गोविंद सिंह राजपूत वर्तमान में सुरखी विधानसभा सीट से विधायक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुधीर यादव को हराया. उन्हें कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व विभाग की जिम्मेदारी मिली. गोविंद राजपूत ने भी सिंधिया के समर्थन में मार्च 2020 में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा. शिवराज सरकार में उन्हें खाद्य और सहकारिता मंत्री बनाया गया. मंत्रिमंडल विस्तार में राजपूत को फिर से परिवहन और राजस्व विभाग दिया गया।

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