मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में 'लव जिहाद' और धर्मांतरण क़ानून को मंजूरी, शिवराज कैबिनेट ने ठोंकी ताबूत में अंतिम कील

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:41 AM GMT
मध्यप्रदेश में लव जिहाद और धर्मांतरण क़ानून को मंजूरी, शिवराज कैबिनेट ने ठोंकी ताबूत में अंतिम कील
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Love Jihad Act in Madhya Pradesh / भोपाल। मध्यप्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad Act in Madhya Pradesh) और धर्मांतरण क़ानून पर ताबूत की पहली

Love Jihad Act in Madhya Pradesh / भोपाल। मध्यप्रदेश में लव जिहाद (Love Jihad Act in Madhya Pradesh) और धर्मांतरण क़ानून पर ताबूत की पहली कील शिवराज सरकार ने ठोंक दी है. प्रदेश की शिवराज सरकार कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 पर मुहर लगा दी है. इस प्रावधान के तहत सजा का अलग अलग प्रावधान है.

मंत्रिमंडल में मिली मंजूरी के बाद अब इस कानून को विधानसभा में पेश किया जाएगा. इसके पहले प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि 26 दिसंबर की मंत्रिमंडल में विधेयक को पास कर दिया जाएगा एवं विधानसभा में भेजा जाएगा. उन्होंने सूचित किया था कि प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 में राज्य सरकार ने धार्मिक रूपांतरण के लिए किसी को शादी करने, धमकाने और जबरन शादी करने के लिए 1 से 5 साल की जेल की सजा का प्रस्ताव दिया है.

Love Jihad Act Madhya Pradesh | मध्यप्रदेश में 'लव जिहाद' और धर्मांतरण क़ानून को मंजूरी, शिवराज कैबिनेट ने ठोंकी ताबूत में अंतिम कील

मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 को मिली मंजूरी

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा​ ने कहा कि नए एमपी फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल 2020 के तहत, एक नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपये के न्यूनतम दंड के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल अवधि का प्रावधान होगा। नए विधेयक के तहत, किसी पर धार्मिक परिवर्तन के लिए मजबूर करने पर 1-5 साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपये का जुर्माना होगा.

क्या है सजा का प्रावधान?

इस विधेयक के मसौदे में धार्मिक रूपांतरण के लिए किसी को शादी करने के लिए लालच देने, किसी को डराने-धमकाने के लिए 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. पुजारियों या धार्मिक गुरुओं के लिए मसौदा विधेयक एवं जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना विवाह में पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान है.

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28 दिसंबर से शुरू होने वाला है सत्र

विधान सभा का तीन दिवसीय सत्र 28 दिसंबर से शुरू होने वाला है. इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोर दिया था कि किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति को शादी, खरीद या धमकी के माध्यम से बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने अधिकारियों के साथ कानून के प्रस्ताव के प्रारूप पर चर्चा की.

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