मध्यप्रदेश

सतना / 78 वर्षीय पूर्व मंत्री एवं रैगांव विधायक जुगुल किशोर बागरी हुए कोरोना पॉजिटिव

Aaryan Dwivedi
25 April 2021 6:00 PM GMT
सतना / 78 वर्षीय पूर्व मंत्री एवं रैगांव विधायक जुगुल किशोर बागरी हुए कोरोना पॉजिटिव
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सतना. कोरोना की पहली लहर में विंध्य के कई विधायक संक्रमण का शिकार हुए थें, अब दूसरी लहर ने भी माननीयों को संक्रमित करना शुरू कर दिया है. खबर आ रही है कि पूर्व मंत्री एवं सतना जिले के रैगांव विधानसभा के भाजपा विधायक जुगुल किशोर बागरी (MLA Jugul Kishor Bagri) कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. 

पांचवी बार विधायक चुने गए हैं जुगुल किशोर बागरी, एंटीजेन टेस्ट में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई

सतना. कोरोना की पहली लहर में विंध्य के कई विधायक संक्रमण का शिकार हुए थें, अब दूसरी लहर ने भी माननीयों को संक्रमित करना शुरू कर दिया है. खबर आ रही है कि पूर्व मंत्री एवं सतना जिले के रैगांव विधानसभा के भाजपा विधायक जुगुल किशोर बागरी (MLA Jugul Kishor Bagri) कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री एवं सतना जिले के रैगांव विधानसभा के भाजपा विधायक जुगुल किशोर बागरी (MLA Jugul Kishor Bagri) का शनिवार को एंटीजेन टेस्ट कराया गया था, जिसमें उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके बाद उन्होंने RT-PCR टेस्ट कराया है, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को आएगी. उन्होंने बिरला हॉस्पिटल में उन्होंने CT Scan कराया, जो नार्मल आई थी. फिर भी कोरोना संक्रमित मानते हुए रैगांव विधायक खुद को पेप्टेक सिटी स्थित घर में होम आईसोलेशन में चले गए है.

बुखार की शिकायत थी, थकावट भी हो सकती है

रैगांव से पांचवी बार विधायक चुने गए 78 वर्षीय जुगुल किशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी ने बताया कि नेताजी को तीन दिन पहले बुखार की शिकायत थी, वे क्षेत्र के दौरे पर थें, इसलिए थकावट भी हो सकती है. फिर भी उनका बिरला हॉस्पिटल में कोरोना के लिए एंटीजेन टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

उनका सिटी स्कैन नार्मल था. कन्फर्मेशन के लिए उनका RT-PCR टेस्ट कराया गया है, सैंपल टेस्ट के लिए रीवा गया है. सोमवार तक क्लियर हो जाएगा. फिर भी ऐहतियातन नेताजी ने खुद को होम आइसोलेट कर लिया है.

एक नजर में रैगांव विधायक

बता दें कि जुगुल किशोर बागरी पांचवीं बार भाजपा से विधायक बने है. वे 1993 में पहली, 1998 में दूसरी, 2003 में तीसरी, 2008 में लगातार चौथी बार विधायक बनकर इतिहास रचा था. हालांकि 2013 में बढ़ती उम्र को देखते हुए पार्टी ने उनकी जगह बड़े बेटे पुष्पराज बागरी को टिकट दिया था. लेकिन बसपा की उषा चौधरी से पुष्पराज हार गए थे.

इसके बाद एक बार फिर बब्बा पर ही पार्टी ने भरोसा किया तो 2018 में पांचवी बार विधायक बने. वे 2003 में उमा भारती की सरकार में कैविनेट मंत्री थे, लेकिन एक लोकायुक्त के प्रकरण के कारण मंत्री पद गवांना पड़ा था.

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