ग्वालियर

मध्य प्रदेश के दो शहरों को मिलेगी विश्व स्तर पर पहचान, प्रदेश के दो शहर वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:40 AM GMT
मध्य प्रदेश के दो शहरों को मिलेगी विश्व स्तर पर पहचान, प्रदेश के दो शहर वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल
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मध्य प्रदेश के दो शहरों को मिलेगी विश्व स्तर पर पहचान, प्रदेश के दो शहर वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल ग्वालियर। वर्ड हेरिटेज सिटी की

ग्वालियर। वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में प्रदेश के दो शहर शामिल हो गये हैं। जो प्रदेश के लिए बड़े ही गौरव की बात है। अब इन शहरों को देश के साथ ही विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी। युनेस्को ने मप्र के ग्वालियर और ओरछा को अपने सूची में शामिल किया है। गौरतलब है कि युनेस्को के वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में प्रदेश का नाम जुड़ने से एक ओर जहां रोजगार के अवसर बढें़गे तो वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

यूनेस्को इन दोनों जगहों में मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने के साथ ही संरक्षित करने का काम करेगी। इसके लिए यूनेस्को की एक टीम 2021 के सुरूआती वर्ष में जल्दी हीे ग्वालियर के दौरे पर आयेगी। वह टीम प्रदेश के पर्यटन विभाग के साथ मिलकर काम करेगी।

मध्य प्रदेश के दो शहरों को मिलेगी विश्व स्तर पर पहचान, प्रदेश के दो शहर वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल

विश्व के मानचित्र पर स्थापित होगें शहर: सिंधिया

राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को द्वारा वर्ड हेरिटेज सिटी की सूची में करने पर प्रसन्नता जाहिर की है। उनका कहना है कि इससे ग्वालियर और ओरछा प्रदेश के ऐसे दो शहर कहलाएं गे जो विश्व के मानचित्र मे ंदर्ज होकर प्रदेश का मान बढ़ाएंगे। उनका कहना है कि हेरिटेज सूची में इन शहरों का नाम दर्ज हेाने से यहा की धरोहरों को अब अधिक बेहतर तरीके से संरक्षित किया जायेगा।

ओरछा और ग्वालियर में मौजूद हैं ऐतिहासिक इमारतें

अगर बात इन्ही दो शहरों की करें तो पता चलता है कि ग्वालियर में 9वीं शताब्दी के इमारते हैं। तो वहीं ओरछा में 16वीं शताब्दी के किले मौजूद हैं। जानकारी के अनुसार ग्वालियर प्रदेंश के प्रमुख शहरों में अपनी पहचान बनाए हुए है। यह 9वीं शताब्दी में स्थापित तोमर, बघेल कछवाहों, ग्वालियर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, और सिंधिया शासन की राजधानी रहा है। उस समय की बनाए गये किले, राजाओं के महल आज भी अपना इतिहास बता रहे हैं।

इसी कारण पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। वही ओरछा में महल, मंदिर साहित कई इमारते 16वीं शताब्दी की हैं। यहां गुजरी महल, सहस्त्रबाहु मंदिर, मानसिंह पैलेस, सहित अन्य धरोहरों का नव उदय होने वाला है।

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